बारिश के बाद होने वाले जलभराव के निगरानी स्मार्ट सिटी कार्यालय से की जाएगी। यहां जलभराव पर सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम बना दिया गया है। जल एक नंबर भी सार्वजनिक कर दिया जाएगा जहां आमजन भी सूचना दे सकेंगे।
शहर के चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जाएगी। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में पता लग जाएगा कि कहां-कहां सड़क पर पानी भरा हुआ है। टीम भेजकर मौके पर समाधान कराया जाएगा।
उम्मीद की जा रही है कि नई व्यवस्था से जलभराव की सही रिपोर्ट अधिकारी के पास होगी और इसका जल्द समाधान हो जाएगा। हालांकि निगम अधिकारी हर साल दावा करते हैं कि सड़कों पर अधिक समय तक जलभराव नहीं होने दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होता। कई सड़कों पर तो 8 घंटों तक जलभराव रहता है। इससे वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ता है।
जलभराव के दौरान विभागों के बीच तालमेल बनाने के लिए नगर निगम अध्यक्ष ने निगम के कार्यकारी अभियंता एसडीओ व जेई के नाम और नंबरों की संयुक्त सूची तैयार की गई है।
यह सूची वार्ड वाइज है। इसे जलभराव के दौरान नगर निगम के कार्यकारी अभियंता से लेकर जेई बिजली निगम के संबंधित बोर्ड के कार्यकारी अभियंता व जेई से सीधे संपर्क कर लेंगे। कई बार विभागों में तालमेल ना होने की वजह से समाधान होने में घंटों लग जाते हैं।
निगमायुक्त गरिमा मित्तल ने सभी डिस्पोजल पर कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए तीनों जोन में संबंधित कार्यकारी अभियंता, एसडीओ व जेई को आदेश दिए गए हैं। अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि डिस्पोजल पर सभी मोटर काम कर रही है।
यदि कोई खराबी है तो इसके लिए पहले ही उच्च अधिकारियों को सूचित करना होगा। एसडीओ व जेई की ओर से डिस्पोजल की चेकिंग शुरू भी हो गई है। इसकी रिपोर्ट निगम आयुक्त को भेजी जा रही है।