महामारी की दूसरी लहर में बीमारी से मरे लोगों के शवों का दाह संस्कार करने के लिए नगर निगम के पास जगह की कमी पड़ गई थी लेकिन संभावित तीसरी लहर के लिए अभी से शवदाह गृह को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना होगा।
सभी श्मशान घाटों में सीएनजी शवदाह गृह स्टेशन लगाने होंगे लेकिन शहर के केवल 3 शवदाह गृह में ही पीएनजी स्टेशन है जोकि आबादी के लिहाज से काफी कम है। नगर निगम के सरकारी रिकॉर्ड की माने तो मार्च और अप्रैल के महीने में 2000 से ज्यादा मौतें महामारी के कारण हुई है जिनका दाह संस्कार नगर निगम ने अपने चुनिंदा 9 श्मशान घाटों में किया।
इन सभी में लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। केवल इनमें से तीन शवदाह गृह ऐसे है जिसमें 1-1 स्टेशन पीएनजी का बनाया गया है। अजरौंदा शमशान घाट, सेक्टर 37 शमशान घाट, तिगांव रोड श्मशान घाट में ही पीएनजी गैस स्टेशन बनाए गए। नगर निगम को अपने सभी 9 श्मशान घाटों में पीएनजी स्टेशन की व्यवस्था करनी होगी।
नगर निगम के पास महामारी से होने वाली मौतों को लेकर श्मशान घाट के अंदर लकड़ियों की किल्लत होने लगी थी लेकिन सरकार की तरफ से मिले लकड़ियों के स्टॉक से बेहतर काम हो गया।
नगर निगम महामारी के संभावित तीसरी लहर को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर चुका है जिसमें शहर भर 50 बेड से अधिक बेड वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था की जा रही है।
गौरतलब है कि महामारी की दूसरी लहर में शहर भर में व्यवस्थाओं की काफी कमी देखने को मिली थी जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में एक अदद बेड के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी वहीं इस बार स्वास्थ्य विभाग संभावित इसे लहर को लेकर सजग है और सभी तरीके की तैयारियां कर रहा है।