फरीदाबाद के खोरी गांव में बसे हुए लगभग 10000 परिवारों की बेदखली के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 जून 2021 को आदेश दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद फरीदाबाद प्रशासन एवं नगर निगम ने आदेश को लागू करने हेतु कमर कस ली किंतु खोरी गांव के मजदूर परिवारों ने भी अपनी एकता बना ली है कि जब तक उचित पुनर्वास नहीं तब तक विस्थापन का नाम नहीं।
30 जून 2021 को मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी के आह्वान पर खोरी में बने अंबेडकर पार्क में एक महा पंचायत बुलाई गई जहां पर हजारों की संख्या में मजदूर परिवार पहुंचे। इस महापंचायत को किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूरी ने संबोधित किया । इसी पंचायत के आयोजन के पूर्व पुलिस द्वारा मजदूर परिवारों पर लाठीचार्ज किया गया।
कई गांव के मजदूर परिवार, छात्र एवं जन संगठन के प्रतिनिधि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लेकिन देर रात तमाम गिरफ्तार लोगों को जमानत पर छोड़ दिया गया और उसी दिन यह घोषणा की गई कि हरियाणा सरकार मजदूर आवाज संघर्ष समिति खोरी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करें और इस मसले का निस्तारण करें। साथ ही संघर्ष समिति ने बिजली एवं पानी की सुविधा बहाल करने की मांग की थी।
आज दिनांक 4 जुलाई 2021 को दोपहर में फरीदाबाद प्रशासन ने मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी के प्रतिनिधियों को फोन के द्वारा जानकारी दी कि हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री या उनके प्रतिनिधि के साथ खोरी गांव के आवास के मसले पर बातचीत की जा रही है जिसमे आप भाग लीजिए।
खोरी गांव की संघर्ष समिति के सदस्य श्रीमती फुलवा देवी मोहम्मद सलीम, गवाड़ा प्रसाद, मोहसिन, इकरार अहमद एवं निर्मल गोराना ने आज दोपहर को मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री अजय गौड़, नायब तहसीलदार श्री यशवंत सिंह एवं बड़कल एसीपी श्री सुखबीर सिंह के साथ मुलाकात की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मध्यनजर रखते हुए खोरी गांव की संघर्ष समिति के प्रतिनिधियो ने उचित पुनर्वास की मांग रखी। खोरी गांव संघर्ष समिती के सदस्यों ने हरियाणा सरकार द्वारा एक सरकारी संयुक्त सर्वे करवाने की भी मांग की ताकि सभी का उचित पुनर्वास हो सके।
सर्वे एवं पुनर्वास के काम को साकार रूप देने हेतु नगर निगम, फरीदाबाद प्रशासन एवं खोरी गांव के संघर्ष समिति के प्रतिनिधियो की एक संयुक टीम बनाई जायेगी। जो इस पूरी प्रक्रिया को निष्पक्षता के साथ करेगी। सर्वे के पश्चात् ही पुनर्वास की योजना बनाई जा सकती है।
बातचीत के अंत में बिजली एवं पानी की सुविधा मुवैया करने की मांग की गई। हरियाणा सरकार ने सभी मांगों पर अपनी सहमति दी है।