हरियाणा और दिल्ली एक बार फिर से आमने सामने आ गई है वजह है वही पानी, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ना डालें हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय पानी दिल्ली को नहीं दे रहा है दिल्ली में इस समय पानी संकट जोरो जोरो पर है और इसके जिम्मेदार हरियाणा सरकार है
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली अपनी जलापूर्ति के लिए पड़ोसी राज्य पर निर्भर करता है लेकिन आज दिल्ली पर एक बहुत बड़ा जल संकट गहरा रहा है सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के अनुसार एम ओ यू साइन करें हैं
उसके अनुसार राज्य दिल्ली को पानी देते हैं लेकिन हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किए गए तय किए गए पानी नहीं दे पा रहा इसलिए सरकार पर दोष है कि दो संकट दिल्ली पर आया है उसके लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार है
आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हरियाणा प्रतिदिन करीब 10 करोड़ गैलन पानी की कम आपूर्ति कर रहा है, जिसके चलते एनडीएमसी क्षेत्रों, मध्य, दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो गया है। चड्ढा ने कहा,
‘हरियाणा सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित दिल्ली के लोगों के कानूनी हक को रोका है, क्योंकि उन्होंने यमुना में पानी की आपूर्ति कम कर दी है। इसके कारण तीन प्रमुख जल शोधन संयंत्रों से प्रतिदिन कम जल तैयार हो रहा है।’
नही मिल रहा दिल्ली को अपना हक
चड्डा ने कहा कि हरियाणा ने दिल्लीवासियों को उनके हक से भी वंचित कर रखा है और दिल्ली में दैनिक जल उत्पादन 245 एमसीडी से घटकर 150 से 545 एमजीडी रह गया है हाई कोर्ट के अनुसार यमुना नदी हरियाणा को दिल्ली की पानी की आवश्यकता से अधिक की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था
लेकिन हरियाणा सरकार जरूरत भर पानी की आपूर्ति भी नहीं कर पा रही है उन्होंने इस संबंध में हरियाणा सरकार को संबोधित करते हुए 12 पत्र भेजे जाने का दावा करते हुए कहा कि इन पत्रों का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है