एफएमडीए के कार्यकारी अभियंता एमएल शर्मा को बंधक बनाए जाने वाले मामले में आज सभी निगम अधिकारियों तथा पार्षदों के बीच सुलह हो गई है। पार्षदों ने आज मंच पर आकर सार्वजनिक तौर पर सभी निगम अधिकारियों से माफी मांगी है।
दरअसल, वार्ड नंबर 3 और 4 में पानी की किल्लत को रविवार को वाद विवाद के बाद निगम के सभी पार्षद तथा अधिकारी आमने सामने आ गए थे। इस मामले में बैठकों का कई दौर चला। बीती रात निगम के सभी पार्षद निगमायुक्त डॉक्टर गरिमा मित्तल के कार्यालय पर पहुंचे तथा अपनी बात रखी परंतु निगम आयुक्त की तरफ से पार्षद की रिहाई की मांग को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई जिससे नाराज होकर सभी पार्षदों ने जिला उपायुक्त कार्यालय का रुख किया।
इस दौरान सभी पार्षदों ने अपनी बात रखी। इस बैठक में समस्या का समाधान नहीं हो पाया तो सुबह एक बार फिर से जिला उपायुक्त के द्वारा कार्यालय में निगम पार्षद तथा निगम यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाया गया। इस दौरान जिला उपायुक्त यशपाल यादव की मध्यस्था में निगम अधिकारियों तथा पार्षदों के बीच का विवाद सुलझ गया।
विवाद सुलझने के बाद सभी अधिकारी तथा पार्षद निगम मुख्यालय पहुंचे तथा धरनारत निगम कर्मचारियों का धरना खत्म करवाया तथा सार्वजनिक मंच पर निगम अधिकारियों तथा कर्मचारियों से माफी मांगी। निगम पार्षद का प्रतिनिधित्व कर रहे दीपक चौधरी तथा पूर्व विधायक नगेंद्र भडाना ने निगम कर्मचारियों तथा अधिकारियों से माफी मांगी।
बता दे कि बीते रविवार को सेक्टर 25 स्थित जल घर में पानी की समस्या से परेशान वार्ड नंबर 3 और 4 के लोगों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के दौरान एफएमडीए के कार्यकारी अभियंता मदन लाल शर्मा तथा जीपी वाधवा के साथ जनता के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया।
इस दुर्व्यवहार के विरोध में सभी निगम अधिकारी तथा कर्मचारी पिछले 2 दिनों से धरने पर थे। वहीं इस मामले में मंगलवार देर शाम वार्ड 3 पार्षद जयवीर खटाना को एससी- एसटी के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में सभी पार्षद जयवीर खटाना के समर्थन में आए तथा जयवीर खटाना की रिहाई की मांग की जिसके बाद आज जिला उपायुक्त यशपाल यादव की मध्यस्थता में निगम पार्षद तथा निगम अधिकारियों के बीच समझौता हो गया।
आपको बता दे कि इस पूरे मामले में नगर निगम मेयर सुमन बाला, सीनियर डिप्टी मेयर देवेंद्र चौधरी तथा डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग ने दूरी बनाए रखी। जब मीडिया ने इस विषय में पार्षदों से सवाल किया तो पार्षदों की बेरुखी इस मामले में साफ जाहिर हुई।