बॉडी बिल्डिंग के लिए शॉर्टकट पड़ सकता है महंगा, सप्लीमेंट से शरीर इस अंग पर पड़ेगा यह प्रभाव

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हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के लोगों पर एक शोध किया गया. इस शोध के अनुसार, हर्बल और डायट्री सप्लीमेंट लेने वाले लोगों में भी लिवर संबंधित समस्याओं का खतरा ज्यादा देखने को मिला.



रॉयल प्रिंस अल्फ्रेड अस्पताल की डॉ एमिली नैश ने 2009 और 2020 के बीच एडब्ल्यू मोरो गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर सेंटर में भर्ती ड्रग इंड्यूस्ड लिवर इंजरी से पीड़ित 184 वयस्कों के अस्पताल के रिकॉर्ड की जांच की. इस शोध के अनुसार, डॉक्टरों ने पाया कि लिवर से संबंधित ये सभी मामले हर्बल और डायट्री सप्लीमेंट से जुड़े हुए हैं.

बॉडी बिल्डिंग के लिए शॉर्टकट पड़ सकता है महंगा, सप्लीमेंट से शरीर इस अंग पर पड़ेगा यह प्रभाव

शोध के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई. इसमें वर्ष 2009 से 2011 के दौरान 11 मरीजों में से दो मरीज (15%) लिवर से संबंधित समस्या से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हुए. 2018 से 2020 के दौरान ये संख्या बढ़कर 19 मरीजों में से 10 (47%) हो गई.

शोध के दौरान एक्सपर्ट्स ने पाया कि पैरासिटामॉल के कारण 115 मरीज लिवर संबंधित समस्या से पीड़ित थे. इसके अलावा, पैरासिटामोल ना लेने वाले 69 लोगों में 19 मामले ऐसे थे जो एंटीबायोटिक्स लेने के कारण लिवर से संबंधित समस्या से जूझ रहे थे. 15 में हर्बल और डायट्री सप्लीमेंट वाले शामिल थे और कुछ ऐसे थे जो एंटी-टीबी और एंटी-कैंसर की दवाएं ले रहे थे.

बॉडी बिल्डिंग के लिए शॉर्टकट पड़ सकता है महंगा, सप्लीमेंट से शरीर इस अंग पर पड़ेगा यह प्रभाव

मेडिकल जर्नल ऑफ ऑस्ट्रेलिया में सोमवार को प्रकाशित शोध में पाया गया कि नॉन-पैरासिटामोल लिवर इंजरी से पीड़ित लोगों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट करवाना भी उपयोगी साबित नहीं होगा.

इस शोध के एक सह-लेखक, विशेषज्ञ ट्रांसप्लांट हेपेटोलॉजिस्ट डॉ केन लियू ने कहा कि पुरुषों की बॉडी बिल्डिंग से लेकर महिलाओं में वजन घटाने वाले हर्बल और डायट्री सप्लीमेंट का उपयोग करने तक जो लोग लिवर से संबंधित समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनमें चोट लगने का खतरा अधिक देखा गया.