दूसरी जांच में भी फर्जी निकला सीवर लाइन का एस्टीमेट, ‌ कार्यवाही के लिए सीएम को लिखा गया पत्र

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वार्ड नंबर पांच में सीवरलाइन के एस्टीमेट की गड़बड़ी में निगम के तीन अधिकारी दूसरी जांच में भी दोषी पाए गए हैं। दूसरी जांच वार्ड पांच की निगम पार्षद ललिता यादव के कहने पर कराई गई थी।

जांच का जिम्मा एडीश्नल कमिश्नर डॉ. वैशाली शर्मा को दी गई थी। उन्होंने जांच रिपोर्ट निगम कमिश्नर डॉ. गरिमा मित्तल को सौंप दी है। अब आरोपी बनाए गए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।

दूसरी जांच में भी फर्जी निकला सीवर लाइन का एस्टीमेट, ‌ कार्यवाही के लिए सीएम को लिखा गया पत्र

दरअसल, वॉर्ड नंबर 5 में सीवर लाइन की सफाई के लिए बनाए गए एस्टीमेट में गड़बड़ी की शिकायत राम सिंह यादव ने निगम प्रशासन से की थी। इस शिकायत पर वार्ड पार्षद ललिता यादव ने आपत्ति जताई थी जिस पर कार्यवाही करते हुए निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल ने दोबारा से जांच करवाने की बात कही थी।

निगम प्रशासन ने जांच एनआईटी के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान काे सौंप दी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि निगम ने 26 अप्रैल 2021 को वॉर्ड में विभिन्न सीवर लाइनों की सफाई के लिए 3 टेंडर निकाले।

दूसरी जांच में भी फर्जी निकला सीवर लाइन का एस्टीमेट, ‌ कार्यवाही के लिए सीएम को लिखा गया पत्र

इसमें से 2 टेंडर में सफाई के जो एस्टीमेट बनाए गए हैं वे पूरी तरह से फर्जी हैं। इसमें एक ही सीवर लाइन की 2 अलग-अलग टेंडर में 3 बार सफाई कराने का फर्जी एस्टीमेट तैयार किया गया है।

इसके अलावा टेंडर में जिस 36 इंची सीवर लाइन की लंबाई 865 मीटर है उसे अधिकारियों ने 1615 दिखाया है। उनका आरोप है कि एक्सईएन, एसडीओ और जेई ने मिलकर सीवर लाइन की लंबाई अधिक दिखाकर ज्यादा बजट सेंंशन कराने की योजना बनाई थी।