HomePublic Issueगुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की हमारा धरना पूरे समाज व उन...

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की हमारा धरना पूरे समाज व उन लोगों के लिए जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं

Published on

कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसानों को 8 महीने हो चुके हैं। लेकिन वे फिर भी अपनी मांगो के पूरी होने की आशा में लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों के इस आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमारा धरना अपने लिए नहीं है बल्कि उन तमाम लोगों के लिए है जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं।

किसान नेता चढूनी ने कहा कि हम ना तो अपने खुद के लिए और न ही आपस में लड़ने के लिए धरने पर बैठे हैं बल्कि हम पूरे समाज के लिए व उन लोगों के लिए धरना पर बैठे हैं जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं। खटकड़ टोल पर जारी किसानों के धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम आपस में लड़ेंगे तो वह हमें खा जाएंगे। उन्होंने बताया कि खटकड़ टोल पर जारी आंदोलन पूरे हरियाणा में नंबर एक पर है जिसमें युवा व महिलाएं भारी संख्या में भागीदारी ले रहे हैं।

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की हमारा धरना पूरे समाज व उन लोगों के लिए जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं

ज्ञात है कि केंद्र सरकार से पारित नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलनकारी किसान पिछले 8 महीनों, 26 नवंबर से हरियाणा व दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिए हुए हैं। आंदोलनकारी किसान इन तीन नए कैसी कानूनों को वापस लेने व फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए एक अन्य नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की हमारा धरना पूरे समाज व उन लोगों के लिए जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं

बता दें कि किसानों व सरकार के बीच इस बारे में कई बार बात हो चुकी हैं, लेकिन इसका कोई नतीजा सामने नहीं आया। प्रदर्शनकारी किसान सरकार से इस बारे में आर पार की लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं। किसानों ने सरकार से जल्द ही उनकी मांगों को पूरी करने की अपील की है जबकि सरकार की तरफ से पारित कृषि कानूनों को वापस न लेने की बात को साफ कर दिया गया है।

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा की हमारा धरना पूरे समाज व उन लोगों के लिए जिन्हें पूंजीपति खा रहे हैं

गौरतलब है कि किसान पिछले साल सितंबर महीने में बनाए गए नए तीन कृषि कानून, जोकि इस प्रकार हैं – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स एक्ट 2020, द फार्मर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट 2020 एवं द एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 2020 का लगातार विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा सितंबर में पारित इन तीन कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के तौर पर पेश किया गया है, जबकि किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...