हरियाणा सरकार द्वारा शब्द गोरखधंधा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। ज्ञात है की गोरखधंधा शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर अनैतिक कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। लेकिन गोरखनाथ एक संत थे और इस शब्द के इस्तेमाल से उनके अनुयायियों को ठेस पहुंचती है। इसलिए गोरखनाथ समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस शब्द पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की।
गोरखनाथ समुदाय ने सीएम मनोहर लाल से मुलाकात की व शब्द गोरखधंधा के इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद इस शब्द पर प्रतिबंध लगाए जाने का अहम फैसला लिया गया।
गोरखनाथ समुदाय को मांग पर दिन बुधवार को मनोहर लाल सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सीएम ने बताया की आमतौर पर अनैतिक प्रथाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द गोरखधंधा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण निर्णय गोरखनाथ समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद लिया गया है।
गोरखनाथ समुदाय प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि गोरखनाथ एक संत थे और शब्द गोरखधंधा के इस्तेमाल से उनके अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, इसलिए इसपर प्रतिबंध लगा दिया जाए। सीएम मनोहर लाल ने भी कहा की संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओ को इस शब्द के इस्तेमाल से ठेस पहुंचती है, इसलिए अब इसका उपयोग कभी भी नहीं किया जाएगा।
बता दें की राज्य में भी संत गोरखनाथ के अनेक अनुयाई है टाटा इस शब्द के उपयोग से उनकी भावनाओं को आहत नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का कार्य प्रत्येक वर्ग की भावनाओं का सम्मान करना है। ऐसे में यदि किसी भी समुदाय के लोगों द्वारा किसी विशेष नाम या शब्द को लेकर आवाज उठाई है तो या तो उसे बदल दिया गया या फिर उसे पूरी तरह से बन कर दिया गया।