फरीदाबाद: ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में करोना सैंपल्स की जांच 3 अप्रैल से चल रही है। लेकिन पिछले हफ्ते की जांच के दौरान वहां के लगभग 60 % अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए जिससे कोरोना सैंपल की जांच की गति बिल्कुल धीमी हो गई है।
इसलिए वहां के अधिकारियों ने फैसला किया है कि वह अब एक नई टीम बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अस्पताल के रजिस्ट्रार एके पांडे ने कहा कि उन्हें अपना काम आगे बढाने के लिए नए लोगों को नियुक्त करना पड़ेगा और इस महामारी के वक्त 15-20 कुशल लोगों को ढूंढना आसान नहीं होगा।
अधिकारियों के अनुसार वहां सबसे पहला केस 5 जून को आया जब दो लैबोरेट्री टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उसके बाद 5 टेक्नीशियन और 3 डॉक्टर 9 जून को कोरोना संक्रमित पाए गए। उन्होंने बताया कि इस लैब में कुल 18 लोग काम करते हैं।
उन्होंने टिप्पणी करते हुए बताया कि लैब में पूरी सावधानी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम किया जाता है और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह संक्रमण लैब के लोगों तक कैसे फैला।
इस खतरनाक स्थिति में जिन अधिकारियों को कोरोना नहीं हुआ है वह भी क्वॉरेंटाइन में है और अब कोरोना सैंपल्स की जांच का काम पूरी तरह बंद हो चुका है। जिस कारण हॉस्पिटल में नए लोगों की जरूरत है।
रजिस्ट्रार ए के पांडे ने बताया कि नए लोगों को नियुक्त करने से पहले उनकी ट्रेनिंग होनी चाहिए इसलिए नए स्टाफ की ट्रेनिंग का काम भी शुरू कर हो गया है।
ईएस आई सी की इस लैब में फरीदाबाद ,महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और कई अलग-अलग जगहों से कोविड-19 की जांच के लिए सैंपल आते थे। सबसे पहले जब जांच का काम शुरू किया गया था तो वहां केवल 50 सैंपल आते थे। लेकिन धीरे-धीरे सैंपल की मात्रा बढ़ने लगी। एक हफ्ते बाद 100-150 सैंपल, फिर 250-300, कभी 700 और कभी 900 सैंपल आने लगे।
लेकिन अब 60% अधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद, उन्हें यह काम फिर से शुरू करना पड़ेगा। पांडे जी ने बताया कि वह इस चुनौती के लिए बिल्कुल तैयार है।
Written by: Vikas Singh