मां ने बेटे के लिए बनाई चिप्स – लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं, जानिए पूरी कहानी

0
9354
 मां ने बेटे के लिए बनाई चिप्स – लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं, जानिए पूरी कहानी

मां अपने बच्चों से जितना प्यार करती है शायद कोई इस दुनिया में किसी से करता हो। ‘मैंने अपने वीर के लिए चिप्स बनाए हैं। इसको बोलो उठे और खा ले। वीर को चिप्स बहुत पसंद हैं।’ इतना कहते ही वीर की मां स्वर्णा देवी फिर बेहोश हो गई। रिश्तेदारों ने चेहरे पर पानी फेंका तो बेसुध हालत में बेबस मां फिर वही बात दोहराने लगी, मेरे बच्चे मैंने तेरे लिए चिप्स बनाए हैं।

अपने बच्चों को अपनी आंखों के सामने खोना माता पिता के लिए सबसे बड़ा श्राप होता है। दरअसल राजौरी शहर के खांडली पुल क्षेत्र में वीरवार रात आतंकियों ने भाजपा के शहरी मंडल अध्यक्ष जसवीर सिंह के घर पर ग्रेनेड हमला किया था। इस हमले में जसवीर सिंह के तीन वर्षीय भतीजे वीर सिंह की मौत हो गई थी, जबकि परिवार के छह सदस्य बुरी तरह घायल हुए हैं।

मां ने बेटे के लिए बनाई चिप्स - लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं, जानिए पूरी कहानी

रात को वीर चिप्स की मांग करते-करते सो गया। उसकी मां स्वर्णा रसोई में चिप्स बनाने के लिए चली गई। मासूम वीर के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उसे चिप्स बहुत पसंद थे। उसकी मां ने घर के बाहर देखा तो दुकानें बंद हो चुकी थीं। मां को पता था कि वीर जब जागेगा तो चिप्स के लिए जिद करेगा। इसलिए वीर की मां स्वर्णा रसोई में आलू के चिप्स बनाने के लिए चली गई, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

मां ने बेटे के लिए बनाई चिप्स - लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं, जानिए पूरी कहानी

घर में मातम छा गया चारों तरफ गोलियों की आवाज से हर कोई सहम गया। तब पूरा परिवार घर के आंगन में बैठा हुआ था। वहीं पास ही चारपाई पर वीर सो रहा था और रात को खाने की तैयारी चल रही थी। इसी, बीच, कायर आतंकियों ने घर की छत पर चढ़कर ऊपर से आंगन में ग्रेनेड फेंका, जो बिल्कुल वीर की चारपाई के पास जोरदार धमाके के साथ फट गया। वीर सहित घायल परिवार के सात सदस्यों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। जहां मासूम वीर ने दम तोड़ दिया।

मां ने बेटे के लिए बनाई चिप्स - लेकिन बेटा तो एक बार सोया फ़िर उठा ही नहीं, जानिए पूरी कहानी

परिवार वालों का रो-रोका बुरा हाल है। वीर की बुआ बार-बार यही कह रही थी कि वीर का क्या कसूर था। हमारा परिवार हमेशा लोगों के लिए आगे आता रहा है।