अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बद से बदतर होते हुए दिखाई दे रहे है, इस बीच बुधवार को लोगों ने वतन वापसी की उम्मीद से 18 अगस्त को होटल छोड़ दिया। काबुल एयरपोर्ट पर अपने वतन लौटने के लिए उमड़ी भीड़ को देखकर हर किसी की भौहें तन गई। वतन वापसी की उम्मीद लिए कम से कम एक लाख से भी अधिक लोग एयरपोर्ट में घुसने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
आलम यह था कि किसी भी तरह की क्लीयरेंस न मिलने पर खौफ में ही दिन बिताने पड़े। रविवार (22 अगस्त) को मिलिट्री साइ¨डग से प्रवेश मिला तो जान में जान आ गई। अपना यह अनुभव सोनपित निवास रवि ने संवाददाता संग साझा किया।
उधर, रवि ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना और दूतावास ने दस्तावेज जांचने के बाद खाना भी खिलाया। एयरफोर्स के सी-17 जहाज में 168 लोगों में रवि के अलावा हरियाणा के दो और लोग सवार थे। इनमें फरीदाबाद के सुरजीत सिंह सैनी और पंचकूला निवासी दिनेश शामिल हैं। रवि ने बताया कि तीन माह से जिस खौफ में जी रहे थे, वह रविवार को गाजियाबाद के ¨हडन एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही खत्म हो गया। इन लोगों ने जीवन के 15 साल अफगानिस्तान में बिताए और अब नए सिरे से ¨जदगी और रोजगार को शुरू करना होगा।
अफगानिस्तान में हालातों के बारे में रवि ने बताया कि वहां के नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं और एयरपोर्ट की ओर भाग रहे हैं। सड़कों पर तालिबानियों का राज है। वे लोग जब होटल छोड़कर एयरपोर्ट की ओर जा रहे थे तो वाहन में करीब 25 लोग सवार थे। जिस रास्ते से निकले वहां पर तालिबानी लड़ाके हथियार लेकर खड़े थे। हर गाड़ी को जांच रहे थे। उनकी गाड़ी का चालक ही हर बार स्थानीय भाषा में इन तालिबानियों से बातचीत कर रहा था।
हालात ऐसे हैं कि तालिबानियों का खौफ हर किसी के दिल में है। कई अभी भी होटल में रह रहे हैं। उनको यह डर सता रहा है कि यदि बाहर निकले तो तालिबानी मार डालेंगे। हालांकि कई तो हिम्मत कर निकले और भारत पहुंच गए हैं, लेकिन अभी भी कई भारतीय होटलों में ही टिके हैं और हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।
सोनीपत के रहने वाले रवि ने बताया कि वह अभी दिल्ली में हैं। अफगानिस्तान की एयरलाइंस में सिक्योरिटी डायरेक्टर के पद पर तैनात थे। बताया कि वे लोग किसी तरह होटल छोड़कर गाड़ी में एयरपोर्ट के पास तो पहुंच गए, लेकिन यहां एक लाख से ज्यादा लोग एयरपोर्ट में एंट्री के लिए इंतजार कर रहे थे। कई बार तो हवाई फायर कर लोगों को नियंत्रित करना पड़ा। रविवार को वह भारत पहुंचे, जबकि 20 अफगानी भी उनके साथ वायुसेना के जहाज में आए हैं।