एक दशक पहले घूस देकर पाई जेबीटी टीचर्स की नौकरी पर सरकार की नजर, अब नपेंगे वो सभी शिक्षक

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 एक दशक पहले घूस देकर पाई जेबीटी टीचर्स की नौकरी पर सरकार की नजर, अब नपेंगे वो सभी शिक्षक

इस बात से सभी वाकिफ हैं कि बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा जरूरी है, और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षित विभाग भी जरूरी है। टीचर्स एक ऐसा माध्यम होते हैं, जो अपने अनुभव और शिक्षा के माध्यम से किसी भी छात्र का भविष्य बनाने में अहम भूमिका अदा करते हैं। मगर अब टीचर्स के नाम पर घूस देकर सरकारी नौकरी पाने वालों की कतार हद से ज्यादा बढ़ती जा रही है, ऐसे में अब हरियाणा के शिक्षा विभाग की निगाहें ऐसे टीचरों पर गड़ी हुई है,जिन्होने एक दशक पहले जेबीटी भर्ती लिए गलत रास्ता अख्तियार किया था।

वैसे तो भर्ती बेहद चर्चा में उस वक्त भी रही थी और एक बार पुनः इसको लेकर सुबगुहाट शुरू करते हुए उक्त विभाग द्वारा उस दौरान ज्वाइन करने वाले सभी टीचर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन करवाने का निर्णय लिया था। जानकारी के मुताबिक इस बारे में जो रिपोर्ट आई है, उसमें कुल 756 टीचरों की जॉइनिंग हुई थी। इनमें से 8 फीसदी टीचर्स ऐसे हैं जिनकी फिजिकल वेरिफिकेशन रिपोर्ट संदेह में दर्ज की गई है।

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इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने इन सभी टीचर्स के खिलाफ पुलिस एफआईआर कराने के लिए संबंधित जिलों के डिस्ट्रिक्ट एलीमेंटरी एजुकेशन ऑफिसर्स (डीईईओ) को आदेश पारित करते हुए इन सभी टीचर्स की जानकारी भी उनको दी गई है और जरूरी रिपोर्ट भी जल्द दी जाएगी।

वहीं इस बात को भी स्पष्ट कर दिया गया हैं कि संदिग्ध पाए गए टीचर में पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी के अध्यापक शामिल हैं। जिस सख्ती के मूड में फिलहाल शिक्षा विभाग नजर आ रहा है, उससे साफ है कि इन टीचर्स का नपना तय है।

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कुल 60 टीचर्स के खिलाफ होगी एफआईआर
756 मे में कुल 60 टीचर्स ऐसे हैं, जिनके फिजिकल वेरिफिकेशन मिसमैच पाई गई या कहें कि उनके उंगली व अंगूठे के निशान उस वक्त लिए गए थे और फिर रिपोर्ट में अब उनके उंगली या अंगूठे के निशान में अंतर सामने आया है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। इन टीचर्स की ड्यूटी प्रदेश के 19 जिलों के अलग-अलग स्कूलों में है।

मेवात में जॉइनिंग करने वाले टीचर्स सबसे ज्यादा
जिन 60 टीचर्स के खिलाफ एफआईआर की संस्तुति की गई है, उनमें से सबसे ज्यादा मेवात कैडर में लगे हैं। 11 टीचर्स ने वहां ज्वाइन किया था। इनमें सभी पुरुष कैंडिडेट्स हैं और महिला कोई नहीं है। इसके अतिरिक्त अंबाला से 7 टीचर्स हैं तो हिसार और फरीदाबाद में पांच-पांच टीचर्स की तैनाती है। झज्जर में 4 टीचर्स, सोनीपत, फतेहाबाद और गुरुग्राम हर जिले में 3-3 स्कूल टीचर्स हैं। इसके बाद करनाल, पानीपत, सिरसा और सोनीपत में स्कूलों में दो-दो टीचर हैं जो वेरिफिकेशन में सही नहीं पाए गए। नारनौल, पलवल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में 4 टीचर्स की तैनाती है, जिन पर एफआईआर के लिए कहा गया है।

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महिला टीचर का फिजिकल वेरिफिकेशन भी मिसमैच
जिन टीचर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन मिसमैच पाया गया है, उनमें से महिलाएं भी हैं। इनमें भिवानी, गुरुग्राम, जींद और कुरुक्षेत्र से 4 महिला टीचर हैं। वहीं हिसार और झज्जर से 4-4 महिला टीचर हैं। वहीं फरीदाबाद से 2 टीचर्स हैं। इनके अलावा पानीपत से 1 महिला टीचर है। इस लिहाज से कुल संदिग्ध रिकॉर्ड वाले टीचर्स में करीब 25 फीसदी महिलाएं हैं। ये बता दें कि ये भर्ती साल 2008-09 में तत्कालीन हुड्डा सरकार में हुई थी। इसके बाद इसकी लिखित परीक्षा हुई थी। क्वालिफाई करने वाले टीचर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन हुई थी।

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मामला हाईकोर्ट में भी था, आदेश के बाद हुई जांच
मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया था। हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद इन टीचर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन करवाई गई थी। इस केस में फॉरेंसिक लैब मुधबन ने भी कोई साफ राय नहीं दी थी। इसमें संदेह जताया गया था कि कुछ कैंडिडेट्स ऐसे हैं, जिनकी जगह परीक्षा किसी और ने दी थी और ऐसे में फिजिकल वेरिफिकेशन की जांच की मांग की थी।

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बता दें कि कुछ समय पहले शिक्षा विभाग द्वारा करीब 2 दशक पहले ज्वाइन करने वाले मैथ टीचर्स का भी रिकॉर्ड मांगा गया था। इस बारे में मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी के पास शिकायत आई थी, जिसके बाद निदेशालय स्तर पर जांच के आदेश सामने आए थे। कुल 34 मैथ टीचर्स का रिकॉर्ड मांगा गया था, इनकी 12 जिलों में पोस्टिंग थी। इन टीचर्स ने 2002 से 2004 के बीच में ज्वाइन किया था और इन सबके दस्तावेज मांगे गए थे।

नोट :- यह सभी तसवीरें न्यूज़ की जरूरत को देखते हुए इस्तेमाल की गई है इनका इससे कोई लेना देना नही है