हिसार यूनिवर्सिटी द्वारा एक ऐसे ब्रेसलेट का आविष्कार किया गया है जिसके द्वारा बच्चे के रोने के संभावित कारण का पता लगाया जा सकेगा। इस ब्रेसलेट से अभिभावकों को नवजात शिशु की देखभाल करने में मदद मिलेगी। यह ब्रेसलेट बच्चे की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर उसके रोने के संभावित कारण अभिभावकों को बताएगा।
हिसार की गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक व संचार विभाग के सहायक प्रोफेसर विजय पाल एवं विद्युत विभाग के चरणजीत मदान व उनकी टीम द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से यह उपकरण तैयार किया गया है। उनके पेटेंट को इस आविष्कार के लिए इंडियन पेटेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
ब्रेसलेट को स्मार्ट वॉच की ही भांति हाथ में बांधा जाएगा व मोबाइल से कनेक्ट किया जाएगा। सेंसर युक्त ब्रेसलेट द्वारा बच्चे की नाड़ी, धड़कन, शरीर के तापमान व रोने की आवाज पर नजर रखी जाएगी तथा ब्रेसलेट के सेंसर से प्राप्त डाटा स्वचालित तरीके से कंट्रोल यूनिट में चला जाएगा, जहां कई प्रकार के आर्टिफिशियल सैंपल होते हैं। आर्टिफिशियल सांपला से बच्चे की आवाज व अन्य डाटा का मिलान होता है।
यदि बच्चे की धड़कन एवं शरीर का तापमान सही होता है तो उसे स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत नहीं होती है। ऐसे ही बच्चे के रोने की आवाज के मिलान से पता लगाया जा सकेगा कि बच्चे के गले में कुछ अटकने के कारण या किसी और अन्य कारण से वह रो रहा है। इसी प्रकार मशीन लर्निंग रोने की भावना को भूख, नींद, बेचैनी व पेट की गैस आदि के रूप में वर्गीकृत करके तथा जानकारी एकत्रित कर शिशु के अभिभावक को देगी।
ब्रेसलेट के आविष्कारक प्रोफेसर डॉ. विजयपाल सिंह का कहना है कि कामकाजी माता-पिता के लिए बच्चे व उसके स्वास्थ्य की निगरानी करना सबसे अधिक कठिन होता है। यह और अधिक मुश्किल हो जाता है, जब बच्चा लगातार रोए जाता है। ऐसे में मां बच्चे के रोने के सही कारण का पता नही लगा पाती व अलग – अलग तरीकों से उसे चुप कराने का प्रयास करती रहती है।
लेकिन अब वर्तमान आविष्कार स्मार्ट चूड़ी या रिस्ट बैंड या ब्रेसलेट का उपयोग करके बच्चे के रोने के सही कारण का पता लगाया जा सकता है। यदि बच्चे के रोने का सही कारण पता लगाया जा सकेगा तो अभिभावकों द्वारा उस समस्या को जल्द दूर किया जा सकेगा। इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।