हरियाणा के करनाल जिले के बसताड़ा टोल पर किसानों व भाकियू पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उनके द्वारा की मांगों को पूरा करने का आज अंतिम दिन है। भारतीय किसान यूनियन कल करनाल की अनाज मंडी में महापंचायत के दौरान लघु सचिवालय का घेराव करेगी। सरकार एवं प्रशासन में इससे हड़कंप मचा हुआ है। इसी कारण चंडीगढ़ व दिल्ली से आने वाले वाहनों का रास्ता प्रशासन की ओर से डायवर्ट किया गया है तथा सचिवालय एरिया में धारा – 144 लगाई गई है।
किसानों की ओर से भी करनाल पहुंचने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सरकार शाम तक किसानों की रखी गई तीन मांगों को पूरा कर सकती है, ताकि महापंचायत को टाला जा सके। बता दें की बसताड़ा लाठीचार्ज में चोट लगने से मरने वाले किसानों के लिए सरकार की ओर से 25 लाख रुपए का मुआवजा व परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी गई है।
साथ ही चोट लगने वाले किसानों को भी 2 – 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग रखी गई है। इसके अलावा किसानों ने एसडीएम, डीएसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। यदि ऐसा होता है तो किसान महापंचायत व सचिवालय घेराव को रद्द कर देंगे। लेकिन ऐसा होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो कल का आंदोलन निश्चित है।
करनाल की नई अनाज मंडी में 7 सितंबर को किसानों द्वारा महापांचत का आह्वान किए जाने के आदेश जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने जारी कर दिए हैं। इसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 44 का यातायात करनाल की सीमा में बाधित हो सकता है। जनसाधारण को सलाह दी गई है कि अधिक आवश्यकता होने पर ही इस मार्ग का प्रयोग करें।
यदि इस मार्ग का प्रयोग करने पड़े और मार्ग किसी कारणवश मार्ग अवरूद्ध मिले तो जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा सर्वसाधारण के लिए वैकल्पिक मार्ग भी बनाए गए हैं। मार्ग में यदि किसी भी प्रकार की कोई भी बाधा हो तो थाना प्रबंधक यातायात, मोबाइल नम्बर-9729990722 व इंचार्ज सिटी ट्रैफिक, मोबाइल नम्बर- 9729990723 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है की सरकार द्वारा किसानों की बातों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। उनके द्वारा रखी गई मांगो को केंद्र सरकार तक पहुंचाने के बजाय उनपर लाठीचार्ज किया जा रहा है। करनाल में किसानों पर लगातार लाठीचार्ज हुआ है, जबकि अन्य स्थानों पर ऐसा कुछ भी नहीं है। कल की महापांचात के लिए किसानों व भाकियू द्वारा पूरी तरह से तैयारी कर ली गई है, फिर उसके बाद अनिश्चित काल के लिए सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
हरियाणा के सभी किसान संगठनों का एकजुट होने के संबंध में घरौंडा महापांचत में फ़ैसला लिया गया। हरियाणा के संगठनों के एक मंच पर आकर अपने मुद्दों पर चर्चा करने एवं एक मांगपत्र संयुक्त मोर्चा के सामने रखने पर सहमति बनी थी। ऐसे में हरियाणा के किसान संगठनों में एक बार फिर फूट की बात सामने आई। गुरनाम सिंह चढूनी का कहना था कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जो भी आदेश किया जाएगा, उसका अवश्य ही पालन किया जाएगा तथा प्रदेश का कोई भी किसान संगठन आगे से आंदोलन को अलग-अलग नहीं चलाएगा।