भू माफियाओं की बढ़ती हिम्मत अधिकारियों की नाक में दम करती जा रही है। ना तो भू माफियाओं को किसी का खौफ है और न ही यह भूमाफिया सरकारी जमीन हो या फिर गैर सरकारी जमीन पर खनन करने से बाज आ रहे हैं। मगर कहीं ना कहीं अधिकारियों की लापरवाही भी इस तरह के भू माफियाओं का हौसला बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करती हैं तभी तो अब जिला खनन अधिकारी ने दो महीने बाद उन 5 लोगों के खिलाफ खनन सामग्री चोरी करने के आरोप में केस दर्ज करवाया है, जिनके 5 ट्रक और 2 अर्थ मूविंग मशीनों को एनजीटी की स्पेशल इंफोर्समेंट टीम ने 4 जुलाई को डेरा मौजा रामाबाग से पकड़ा था।
दो महीने में विभाग पकड़े गए इन वाहनों के मालिकों से जुर्माना वसूल नहीं कर सका है। इसलिए इनके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है। खनन अधिकारी ने शिकायत में कहा कि माफिया ने एक एकड़ जमीन से 15 फुट तक खनन किया है। 15 फुट तक खनन करने में करीब दो महीने लगे होंगे। सवाल यह है कि दो महीने तक विभाग कहां सोया रहा जबकि पेट्रोलिंग के नाम पर विभाग की दो गाड़ियां क्षेत्र में घूम रही है।
लेकिन, अदालत में नहीं टिक पाती एफआईआर
जुलाई 2020 से आज तक खनन विभाग ने 50 के करीब केस उन लोगों के खिलाफ दर्ज करवाए जो जुर्माना नहीं भर सके। इससे पहले भी बहुत सी एफआईआर खनन माफिया के खिलाफ दर्ज हुई लेकिन न किसी को सजा हुई न जुर्माना। इतनी एफआईआर कोर्ट में यूं गिर गई जैसे हाथ से रेत फिसलता है।
2 जुलाई 2020 को खनन विभाग के कमिश्नर रहे अमिताभ ढिल्लो ने खनन कंपनी को टर्मिनेट कर दिया था। इसके बाद विभाग की लगातार दो गाड़ियां पेट्रोलिंग करती देखी जाती है। हैरानी की बात है कि दो महीने में भी विभाग की टीमों को रामाबाग में हो रहे अवैध खनन का पता नहीं चला जबकि 60 किलोमीटर दूर यमुनानगर से आकर स्पेशल इंफोर्समेंट टीम ने माफिया को पकड़ लिया।
जिला खनन अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने कालाअम्ब पुलिस को 3 अलग अलग शिकायतें देकर कहा कि 4 जुलाई को स्पेशल इंफोर्समेंट टीम ने डेरा मोजा रामाबाग में अवैध खनन करते 6 ट्रक और दो अर्थमूविंग मशीनों को पकड़कर सीज किया था। इन वाहनों मालिकों हुक्म चंद व जगीर सिंह व मंदीप वासी सकेती, गांव डेरा के सुरेन्द्र कुमार व गांव टोका के राजकुमार ने वाहनों का जुर्माना जमा नहीं करवाया है।
पुलिस ने माइनिंग एक्ट की धारा 21 (1) 21(4ए) 188 और 379 के तहत इन सभी के खिलाफ केस दर्ज किए हैं जबकि जमीन मालिक के खिलाफ पहले ही दो केस दर्ज हैं। इसके बावजूद जमीन मालिक की सहमति से माफिया खनन कर रहा था।