हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को विवाह के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह द्वारा डेढ़ लाख पात्र शिक्षकों को बड़ा झटका देते हुए एचटेट और एस्टेट को मान्यता प्रदान की है इसके बाद से ही पात्र शिक्षकों में आशा निराशा देखी जा सकती हैं दरअसल इस फैसले के बाद अब प्रदेश में अब प्रदेश में सीटेट (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास युवा भी जेबीटी, पीआरटी व टीजीटी नियुक्त हो सकेंगे।
इसके अतरिक्त विभाग ने सीटेट को एचटेट (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) और एसटेट (राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा) के समान मान्यता दे दी है। इससे शिक्षा विभाग की भर्तियों में प्रदेश के युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी।
हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा वत्स ने कहा कि ताजा फैसले से प्रदेश के हजारों एचटेट-एसटेट पास युवा सड़कों पर आने को मजबूर होंगे। चूंकि, 7-8 साल से ये परीक्षा पास करते आ रहे युवाओं को अब तक जेबीटी, टीजीटी पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है। सीटेट को प्रदेश में मान्यता देने से बेरोजगार पात्र युवा पिछड़ जाएंगे। हरियाणा सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली केंद्रीय नियुक्तियों में एचटेट-एसटेट को मान्यता दिलानी चाहिए। 2009 से 2020 तक उन्होंने पात्र अध्यापकों की लड़ाई प्रदेश में लगातार लड़ी है।
वैसे तो बीते छह सितंबर को ही यह निर्णय ले लिया था, जिसे 29 सितंबर से लागू माना जाएगा। अब तक सीटेट पास युवा प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक और टीजीटी पदों की भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे।
विभाग के ताजा फैसले के बाद इनके लिए भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का रास्ता खुल गया है। इससे प्रदेश के एचटेट-एसटेट पास पात्र अध्यापकों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी। चूंकि, प्रदेश सरकार पहले ही जेबीटी भर्ती से किनारा कर चुकी है। जेबीटी, पीआरटी के पद स्कूलों में सरप्लस हैं। इसलिए लंबे समय तक दोनों श्रेणी के पदों पर सरकारी भर्ती संभव नहीं है।
टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) के पद भी बड़ी संख्या में खाली नहीं है। जो पद खाली हैं, उन पर बड़ी भर्ती फिलहाल नहीं होने वाली है। अगर सरकार भर्ती निकालती है तो सीटेट पास हजारों युवाओं के उसमें शामिल होने से प्रदेश के पात्र शिक्षकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। जिससे प्रदेश के अधिक युवा नौकरी पाने से वंचित रहे सकते हैं।