दिल्ली से मुंबई का सफर आने वाले समय में महज 12 से 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। दिल्ली और मुंबई को एक और सड़क मार्ग से जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम को वर्ष 2023 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे को गति देने के लिए बाईपास किनारे पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है। सेक्टर-17 से लेकर कैल गाव तक हजारों पेड़ काटे जा चुके है।
लगभग 1380 किलोमीटर लंबाई का दिल्ली-मुबंई एक्सप्रेस हाईवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है। फरीदाबाद के सेक्टर-37 तक एक्सप्रेस वे के रास्ते में आ रहे पेड़ों की कटाई का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
आप दो साल बाद अपने वाहन से सिर्फ 12 घंटे का सफर तय करके दिल्ली से मुंबई पहुंच सकेंगे। दिल्ली-वड़ोदरा-मंबई एक्सप्रेसवे को नोएडा, फरीदाबाद व गाजियाबाद से जोड़ने के लिए नया एक्सप्रेसवे बनाया जाना है। यह एक्सप्रेसवे नोएडा में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होकर सोहना में केएमपी एक्सप्रेसवे तक जाएगा, जहां पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे केएमपी को क्रॉस करेगा। कालिंदी कुंज होते हुए सेक्टर-37 की सिक्स लेन सड़क बनाई जाएगी, जिसका कुछ हिस्सा एलिवेटिड होगा। उसके बाद फरीदाबाद में कैल गांव तक बने बाईपास रोड को चौड़ा कर 12 लेन का बनाया जाएगा।
आधा दर्जन राज्यों से गुजरने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा, जो मार्च-2023 तक बनकर तैयार होगा। इस पर लगभग 95 हजार करोड़ रूपये की लागत आएगी। कैल गांव से आगे सोहना तक नए सिक्स लेन रोड का निर्माण होगा। फरीदाबाद में बाईपास रोड को 12 लेन करने के लिए इसके दोनों तरफ पेड़ों को कटाने के साथ ही बिजली के खंभों को शिफ्ट किया जाना है। वहीं, अवैध निर्माणों को हटाया जाना है।
तमाम बाधाओं के बावजूद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एक्सप्रेस-वे के लिए फरीदाबाद में कैल गांव, नंगला जोगियान, मोहला, हरफला, भनकपुर, जाजरू, सीकरी की जमीन अधिग्रहण की गई है।