मछुआरे के जाल में फंसी ‘सोने के दिल’ वाली मछलियां, रातोंरात बना करोड़ों का मालिक

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    कई बार मछुआरे के हाथ ऐसा कुछ हाथ लग जाता है कि उसे काफी रुपये मिल जाते हैं। कहते हैं कि जब किसी व्यक्ति पर किस्मत मेहरबान होती है तो रातों-रात उसकी दुनिया बदल जाती है। मछुआरों की जिंदगी मछलियों के सहारे सी चलती है। इसलिए दो वक्त की रोटी के बंदोबस्त के लिए हर मछुआरा रोज मछली पकड़ने समुद्र के पास पहुंच जाता है।

    पालघर का एक मछुआरा रातोंरात करोड़पति बन गया है। अब यूं तो ज्यादातर मछुआरों की जिंदगी मुफलिसी में कटती है। मगर कुछ एक बार मछुआरों की किस्मत ऐसी चमकती है कि पलभर में करोड़पति बन जाते हैं। इस मछुआरे की ऐसी किस्मत पलटी है जिसकी बारे में उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा। यह मछुआरा मछली बेचकर रातोंरात करोड़पति बन गया।

    मछुआरे के जाल में फंसी ‘सोने के दिल’ वाली मछलियां, रातोंरात बना करोड़ों का मालिक

    मछुआरा रातों-रात करोड़पति बन गया। यह सब तब हुआ जब चंद्रकांत के हाथ ‘सोने के दिल’ वाली घोल मछलियां लग गईं। पालघर जिले के मुरबे गांव के मछुआरे चंद्रकांत तरे की नाव मानसून में मछली पकडने पर प्रतिबंध हटने के बाद समुद्र में गई थी। 28 अगस्त के दिन मछली पकड़ते हुए जब चंद्रकांत का जाल भारी हुआ तो उसने उसे बाहर खींचा गया। नाव पर सवार सभी ये देखकर हैरान हो गए कि जाल में 150 के करीब घोल मछलियां थी।

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    इतनी बड़ी संख्या में घोल मछलियां को देख सभी खुशी से झूम उठे। घोल मछली एक प्रकार की ब्लैकस्पॉटेड क्रोकर मछली है जिनकी मांग विदेशों में खूब होती है। मछुआरे का नाम चंद्रकांत तरे बताया जा रहा है और वह मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। किनारे आने पर जब मछली की बोली लगाई गई तो उसके 1 करोड़ 33 लाख के करीब की बोली लगी।

    मछुआरे के जाल में फंसी ‘सोने के दिल’ वाली मछलियां, रातोंरात बना करोड़ों का मालिक

    घोल मछलियों के पेट मे एक थैली होती है जिसकी बहुत मांग है। घोल मछली में काफी लाभकारी होती है, जिसका इस्तेमाल दवाई बनाने में भी किया जाता है। इस वजह से एक मछली की कीमत हजारों में होती है।