चीनी नागरिकों का अब भारत में रहेना मुस्किल, भारत-चीन विवाद के बाद देश में गुस्सा

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भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई हिंसक झड़पों में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना से पूरा देश गुस्से में है और चीन को जवाब देने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहा है। इसी गुस्से को देखते हुए अब भारत में रह रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा का सवाल पैदा हो गया है।

चीनी नागरिकों का अब भारत में रहेना मुस्किल, भारत-चीन विवाद के बाद देश में गुस्सा

बताया जा रहा है कि 5 हजार से ज्यादा चीनी नागरिक गुरुग्राम की कई बड़ी कंपनियों में काम करते हैं। जबकि इसकेगुरुग्राम के अलावा कोलकाता में भी कई चीनी नागरिक अपना कारोबार करते है। लॉकडाउन के कारण कई चीनी फाइट बंद होने के कारण भारत में ही रुके हुए हैं।इस बारे में गुरुग्राम की पुलिस ने बताया कि पुलिस 24 घंटे शहर में लोगों की सुरक्षा में लगी है। लेकिन अभी तक खास तौर पर चीनी नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान देने का कोई आदेश नहीं मिला है। फिर भी पुलिस अपनी तरफ से खास निगाह बनाये हुए हैं।

चीनी नागरिकों का अब भारत में रहेना मुस्किल, भारत-चीन विवाद के बाद देश में गुस्सा

कोलकाता में भी हैं चीनी नागरिक
कोलकाता के चीनी नागरिक अपना खुद का व्यापार करते हैं और अधिकतर चीनी नागरिक जुटे के कारोबार से जुड़े हैं। इनकी दुकानें खिदरपुर, धर्मतल्ला, बड़ा बाज़ार और बिल्सुल हॉट में हैं। इनके कारोबार शहर में अच्छे फैले हुए है।भारत के साथ तनाव के बीच नेपाल में मानवाधिकार कार्यकताओं ने चीन के खिलाफ किया है प्रदर्शन |

तबलीगी जमात में भी चीनी

आपको बता दे की निजामुद्दीन मरकज में पकड़े गए तबलीगी जमात के लोगों में भी चीनी नागरिक शामिल थे। अभी पिछले दिनों एक बार फिर पुलिस ने जब कुछ दूसरे विदेशी जमातियों को पकड़ा तो उसमें भी चीनी नागरिक शामिल थे। वहीँ कुछ ऐसे भी नागरिक भारत में फंसे हैं जो लॉकडाउन के कारण बंद हुई फ्लाइट के कारण अपने देश नहीं जा पा रहे है।

चीनी नागरिकों का अब भारत में रहेना मुस्किल, भारत-चीन विवाद के बाद देश में गुस्सा

भारत चीन के सैनिकों के बीच पिछले पांच हफ्तों में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, देमचोक दौलत बेग ओल्डी समेत पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य इलाकों में टकराव है सोमवार को हुई झड़प नाथू ला में 1967 में हुई झड़पों के बाद दोनों सेनाओं के बीच अब तक का सबसे बड़ा टकराव था नाथू ला में हुई झड़पों में भारतीय सेना के 80 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे |

भारतीय सैनिकों पर 15 जून को लोहे की छड़ों कंटीली तार लगे डंडों से हमला करने संबंधी सवालों को टालने के साथ ही चीन ने बृहस्पतिवार को उन खबरों पर सवालों का जवाब देने से भी इनकार कर दिया कि वह चीन-भारत सीमा पर गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए एक बांध बना रहा है | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान सोमवार रात को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीनी सेना में हताहतों के बारे में पूछे गए सवाल को लगातार दूसरे दिन टाल कर चले गए |

Written by- Prashant K Sonni