960 करोड़ की लागत से बना देश का पहला साउंड प्रूफ हाइवे, उपर से गाड़ियां और नीचे से जानवर दौड़ पाएंगे

0
321

हाईवे पर दौड़ती गाड़ी, आसपास खूबसूरत नज़ारे, पेड़ – पौधे और वादियों का कॉम्बिनेशन परफेक्ट रोड ट्रिप के लिए इससे ज्यादा और क्या चाहिए। एमपी के सिवनी जिले में देश का भव्य साउंड प्रूफ हाइवे बनकर तैयार हो चुका है। भारत का सबसे पहला, साउंड प्रूफ हाईवे,वो भी एमपी में,साथ ही बता दें कि देश में इससे पहले कहीं साउंड प्रूफ हाइवे अभी तक बना भी नहीं।

960 करोड़ रुपये की लागत से बने इस हाईवे से गुजरने वाले लोग रुककर तस्वीर खींचाते हैं। गाड़ियों हवा से बात करती हैं। लेकिन शोर हाइवे के नीचे नहीं सुनाई देता है साथ ही एमपी के सिवनी से होते हुए नागपुर की तरफ जाने वाली 29 किमी लंबी सड़क को साउंड प्रूफ बनाया गया है। ये हाइवे तकनीक और इंजीनियरिंग की शानदार मिसाल है। शानदार चमचमाती सड़क गाड़ियों की आवाजाही के लिए है तो वहीं हाइवे के नीचे जंगली जानवरों के गुजरने के लिए बनाए गए हैं, ऐनिमल अंडरपास है।

960 करोड़ की लागत से बना देश का पहला साउंड प्रूफ हाइवे, उपर से गाड़ियां और नीचे से जानवर दौड़ पाएंगे

साथ ही बता दे की शानदार सड़क, रोड के दोनों तरफ जंगल के नजारे के बीच सफर लोगों को सुखद एहसास भी देता है। इस हाइवे का 29 किमी का हिस्सा पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन से होकर गुजरता है और यहां से जानवरों की आवाजाही है।

लेकिन हाइवे से गुजरने के दौरान जानवरों के साथ-साथ लोगों को भी खतरा रहता है की जैसे,ऐसे में जानवरों की सुरक्षा और उनकी सुविधा का ख्याल रखते हुए इस साउंड प्रूफ हाइवे का निर्माण किया गया है जिससे,जंगली जानवरों को कोई परेशानी नहीं हो।

960 करोड़ की लागत से बना देश का पहला साउंड प्रूफ हाइवे, उपर से गाड़ियां और नीचे से जानवर दौड़ पाएंगे

वन और पर्यावरण विभाग ने तब तक हाइवे के निर्माण की मंजूरी नहीं दी, जब तक NHAI के अधिकारियों ने वन्यप्राणियों की सुरक्षा का फूलप्रूफ प्लान नहीं दिया हैं। विभाग को हामी भरने में काफी समय लगा। इस हाईवे पर आपको कहीं भी जर्क भी महसूस होगा। यह काफी स्मूथ है।

जो भी हाइवे पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज और लाइट वन्यजीवों को डिस्टर्ब ना करे। इसके लिए भी एक दम सही फोरलेन सड़क के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्युसर लगाकर 4 मीटर ऊंची स्टील की दीवार खड़ी कर दी गई है।