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माया नगरी में सजे फरीदाबाद के सुरों के साज , आवाज ने छुई बुलंदियां

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फरीदाबाद मात्र उद्योग की वजह से नही जाना जाता बल्कि फरीदाबाद में जन्मे सुर रत्नों की वजह से भी जाना जाता हैं इस सरजमीं ने देश के बहरीन प्लेबैक सिंगर को जन्म दिया है इन सभी प्लेबैक सिंगर्स ने अपनी गायकी से मुंबई नगरी को सजा दिया हैं ,,उनकी सिंगिग की दुनिया मुरीद हैं किसी की आवाज में खनक हैं तो किसी की आवाज में जादू और कोई गाता हैं तो लोग बस झूमने लगते है ।

अपने सपने को साकार करने के लिए फरीदाबाद से मुंबई की राह पकड़ खुद को साबित किया इन सभी फरीदाबाद के चहेतों ने ,, फरीदाबाद के सोनू निगम, ऋचा शर्मा , और हिमानी कपूर इन सभी ने अपने सुरों से आसमान छू लिया ।

माया नगरी में सजे फरीदाबाद के सुरों के साज , आवाज ने छुई बुलंदियां

सोनू निगम

फरीदाबाद के एन आई टी में जन्मे सोनू निगम के पिता अमन कुमार निगम भी गायक थे सोनू ने अपनी गायकी का करियर 4 साल की उम्र में ही शुरू कर दिया था जब उन्होंने एक स्टेज पर आकर अपने पिता अगम निगम के साथ मोहम्मद रफी के गाने ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गाने को गाना शुरू कर दिया।

उसके बाद से वे अपने पिता के साथ शादियों और पार्टियों में गाने लगे। 19 साल की उम्र में वे गायकी को अपना करियर बनाने के लिए अपने पिता के साथ मुंबई आ गए। उन्होंने हिन्दुस्तानी क्लासिकल गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से प्रशिक्षण लिया। हालांकि सोनू निगम को सफलता 1995 में आई फ़िल्म बेवफ़ा सनम के गाने “अच्छा सिला दिया ” से मिली और माया नगरी में अपना सिक्का जमा लिया

माया नगरी में सजे फरीदाबाद के सुरों के साज , आवाज ने छुई बुलंदियां

ऋचा शर्मा

फरीदाबाद के NIT 5 में एक और अद्भुत आवाज ने 29 अगस्त 1974 को जन्म लिया , ब्राह्मण कुल में जन्म लिया ऋचा शर्मा के पिता स्वर्गीय पंडित दयाशंकर प्रसिद्ध कथावाचक व शास्त्रीय गायक थे। जिनकी प्रेरणा से रिचा ने संगीत की शिक्षा ली। बचपन से ही रिचा की संगीत के प्रति रूचि थी इसलिए भक्ति गायन में भी रुचि शुरू से ही थी

,उन्होंने ऋचा ने गज़लें फिल्मी गाने, पंजाबी और राजस्थानी लोक गीतों को अपनी आवाज दी हैं । सन 1994 में फरीदाबाद से मुंबई पहुचीं ऋचा को अपने करियर बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी , इतना आसान नही था सफलता का सफर पर मेहनत ने रंग दिखाया , “ताल ” मूवी के गाने से सफलता मिली , ऋचा ने हिंदी सिनेमा में भी बहुत सारे गाने गाये ।

माया नगरी में सजे फरीदाबाद के सुरों के साज , आवाज ने छुई बुलंदियां

हिमानी कपूर

वर्ष 2005-06 में जीटीवी पर प्रसारित संगीत प्रतियोगिता सारेगामापा शो की विजेता हिमानी कपूर ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा फरीदाबाद की संगीत गुरु डॉ.अंजू मुंजाल से प्राप्त की । हिमानी को वर्ष 2006 में फिल्म चिगारी से ब्रेक मिला। इसमें हिमानी ने ठुमरी गाई थी। इसके बाद दिल दिया है और आप की खातिर में गीत गाने को मिले।

माया नगरी में सजे फरीदाबाद के सुरों के साज , आवाज ने छुई बुलंदियां

वर्ष 2007 में फिल्म गुड ब्वाय बैड ब्वाय, 2008 में फिल्म बचना है हसीनो के गीत जोगी माही और 2010 में बैंड बाजा बरात के गीत दम-दम से एक अलग पहचान मिली। बीते वर्ष हिमानी ने अल्लाह ही अल्लाह, शिकायतें, चन्न वी गवाह, इस वर्ष 2020 में दगा और अब टी-सीरिज ने तेनूं कद्दी न छडनां गीत रिकार्ड किया है। हिमानी हमेशा फरीदाबाद के लिए अपने संदेश भेजती हैं

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