पूर्व सीएम ओपी चौटाला के शासनकाल के दौरान भर्ती हुए एचसीएस अफसरों पर एक बार फिर शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। राज्य सरकार मुख्य सचिव आफिस सर्विस ब्रांच की ओर से इन्हें जल्द ही नोटिस जारी करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम ओपी चौटाला के शासनकाल के दौरान एचपीएससी की ओर से लगभग सौ पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।
उस दौरान भर्ती कर लिए गए लेकिन इस भर्ती में गोलमाल के सवाल खड़े हो जाने के बाद में यह सारी भर्ती स्कैनर पर आ गई थी। जिस कारण सभी की ज्वायनिंग पर ग्रहण लग गया था। यहां तक बताया जा रहा है कि वर्तमान में हरियाणा लोक सेवा आय़ोग का डिप्टी सचिव अनिल नागर भी उसी बैच से है।
यहां उल्लेखनीय है कि अनिल नागर और अन्य दो लोगों को हरियाणा की विजिलेंस ने गिरफ्तार कर बड़े बड़े खुलासे किए हैं। तीनों ही डेंटल सर्जन की हाल ही में हुई परीक्षा और उसके पहले ही हुई कईं परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर करोड़ों बटोरते थे। इनके पास से विजिलेंस ने करोड़ों की राशि बरामद की है।
कुल मिलाकर चौटाला शासनकाल में भर्ती हुए और बाद में ज्वायनिंग करने वाले 2016 बैच के (सेलेक्शन 2004) से जुड़े 19 एचसीएस अफसरों पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि इन सभी को सेवाएं समाप्त करने के क्रम में नोटिस तैयार किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव आफिस की ओर से इन्हें नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली गई है।
यहां पर यह भी बताया जा रहा है कि इन सभी की ओर से शपथ पत्र देकर वरिष्ठता का क्लेम नहीं करने की बात कही गई थी। अदालती कानूनी पचड़े के कारण ही बचाव को लेकर कदम उठाया जा रहा है। अदालत ने पूरे मामले में पिक एंड चूज पालिसी अपनाने को लेकर राज्य सरकार के मुख्य सचिव और आला अफसरों से जवाब तलब किया था। कुल मिलाकर इस तरह की नोटिस की सूचना पाकर इन सभी अफसरों की रातों की नींद हराम हो गई है, सभी ने अभी से इस पर लीगल राय लेनी शुरू भी कर दी है।