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कृपया ध्यान दें: बिजली उपभोक्ताओं को ऐसे मिलेगी सब्सिडी, सीधे खाते में आएंगे पैसे

बिजली उपभोक्ताओं के लिए केंद्र सरकार का तोहफा। 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में एक नया बिजली संशोधन बिल लाने वाली है केंद्र सरकार। बिजली संशोधन बिल का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस बिल के अनुसार बिजली कंपनियों को सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी बल्कि सरकार यह सब्सिडी सीधे ग्राहकों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करेगी। जैसा रसोई गैस की सब्सिडी में होता है यह भी बिल्कुल वैसा ही होगा।

इस बिल के माध्यम से बिजली वितरण को डी-लाइसेंस करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि बिजली वितरण की प्राइवेट कंपनियां सरकारी वितरण कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

कृपया ध्यान दें: बिजली उपभोक्ताओं को ऐसे मिलेगी सब्सिडी, सीधे खाते में आएंगे पैसे

इसके अलावा जिस कंपनी से बिजली उपभोक्ता बिजली लेना चाहते हैं उसका भी चयन कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने पिछले यूनियन बजट में कहा था कि सरकार ऐसा एक फ्रेमवर्क लाने पर काम कर रही है। बता दें कि इन संशोधनों पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल पहले ही ऐतराज जता चुके हैं। उन्हें यह संशोधन मंजूर नहीं है।

उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है असर

आशंका जताई जा रही है कि इस फैसले का असर सबसे ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बिजली प्रदान करने वाली कंपनियों को सरकार अभी तक एडवांस में सब्सिडी देती हैं और इसी सब्सिडी के आधार पर बिजली की दरें तय की जाती हैं। लेकिन अब बिजली कंपनियों को सब्सिडी मिलेगी ही नहीं तो उसका सीधा ग्राहक पर पड़ेगा।

संभावना है कि बिजली उपभोक्ताओं के बिल में इजाफा हो सकता है। हालांकि बिल में यह भी कहा गया है कि ग्राहकों के खातों में सीधा पैसा ट्रांसफर किया जाएगा, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि किन ग्राहकों को सब्सिडी मिलेगी और किन्हें नहीं।

बिल वसूलने की मिलेगी छूट

नए कानून से बिजली कंपनियों की लागत के आधार पर उभोक्ताओं से बिल वसूलने की छूट मिलेगी। एक आंकड़े के अनुसार, अभी बिजली उत्पादन कंपनियों की लागत ग्राहकों से वसूले जाने वाले बिल से 0.47 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा है, जिसकी भरपाई कंपनियां सब्सिडी से करती हैं। तो अब ये अतिरिक्त बोझ लोगों पर पड़ने वाला है, क्योंकि अभी तक सब्सिडी कैसे और किसे-किसे मिलेगी, ये स्पष्ट नहीं है।

नया बिल लाने का कारण

आपको बता दें कि फिलहाल कई बिजली वितरण कंपनियां हैं जो नुकसान में चल रही हैं। डिस्कॉम पर कंपनियों का करीब 95 हजार करोड़ रुपए बकाया है। डिस्कॉम को सब्सिडी मिलने में देरी होती है, जिससे वितरण कंपनियां संकट में हैं। ऐसे में कंपनियों को इस संकट से उभारने के लिए सरकार यह बिल ला रही है।

नए बिल में हैं कई पेंच

नए बिल में अभी काफी पेंच हैं जैसे-ब‍िजली बिल की सब्‍स‍िडी किसे मिलेगी? उदाहरण के तौर पर बिजली का बिल मकान मालिक, जमीन या दुकान के मालिक के नाम पर आता है तो सब्‍स‍िडी इन्हें मिल सकती है, लेकिन किरायदार के मामले में सब्‍स‍िडी का क्‍या होगा? इसके अलावा एक बड़ी बात ये भी है कि देश के कई गांवों में बिना मीटर के बिजली दी जा रही है, सरकार उनसे कैसे वसूली करेगी?

Avinash Kumar Singh

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