जैसा की आप सभी को पता ही है कि तमिलनाडु की ओर जाता हुआ एक प्लेन क्रैश हो गया था। जिसमें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत सवार थे। अब वह पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। दोनों बेटियों ने अपने पिता और मां मधुरिका रावत का अंतिम संस्कार किया। इससे पहले दोनों का शव अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर ही रखा गया था। सुबह से ही दर्शन के लिए लाइन लगी हुई थी। जनरल बिपिन रावत की बड़ी बेटी कीर्तिका अपने मासूम बेटे के साथ वहां पहुंची थी।
कृतिका ने अपने बेटे के नन्हें हाथों से उसके नाना नानी के पार्थिव शरीर के ऊपर फूल समर्पित करवाएं ।शायद इस नन्हे को यह पता भी ना हो कि जिसके ऊपर वह फूल समर्पित कर रहा है, वह उसके नाना नानी है। इतना जरूर है कि लोगों की भीड़ में यह मासूम अपने नाना नानी के चेहरे को खोज रहा होगा।
इस हादसे में जान गंवाने वाले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजलि दी थी। जनरल रावत की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से शुरू हुई और आर्मी कैंट पहुंची थी।
जनरल बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई थी। उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली की सड़कों पर लोगों की भीड़ लगी रही। जहां जहां से भी शव का वाहन गुजरा वहां लोग हाथों में तिरंगा लिए अमर रहे के नारे लगाते हुए दिखे थे।
बुधवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत को लेकर Mi17V5 हेलिकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन ले जा रहा था। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देना था। हेलिकॉप्टर को दोपहर 12.15 बजे वेलिंगटन में उतरना था।
दोपहर करीब 12.09 बजे हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया और दोपहर करीब 12.20 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई। अकेले बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के सेना हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।