एक इंसान सिर्फ अपने परिवार को अपना परिवार समझता है। लेकिन अगर हम बात करें एक सैनिक के तो वह पूरे देश को अपना परिवार कहता है। वह सीमा पर डटकर धूप में, सर्दी में, गर्मी में, हर समय हमारी सुरक्षा में खड़े रहता है। वह दिन-रात कड़ी मेहनत कर दुश्मनों से हमारी रक्षा करता है। वह रात को जागता है ताकि हम चैन से सो सके। वह सर्दी झेलता है, ताकि हम रजाई में बैठ सके।
वह त्योहारों पर भी वहीं खड़ा रहता है, ताकि हम त्यौहार ठीक से मना सके। इसी वजह से वह सच्चे देशभक्त कहे जाते हैं। भले ही एक सैनिक का पूरा जीवन बहुत कठिन होता है, लेकिन वह फिर भी डटकर वहां पर हमारी रक्षा करता है। वह हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात खड़ा रहता है।
वह ऐसी ऐसी परिस्थितियों में भी हमारी रक्षा करते हैं, जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। जब वह हमारी और देश की रक्षा करते करते शहीद हो जाते हैं, तो उन शहीदों के घरवालों पर क्या बीती होगी इसका अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता।
एक सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना बॉर्डर पर खड़े रहकर देश की रक्षा करता है और फिर हंसते हंसते भारत माता के कदमों में अपनी जान लुटा देता है। इसी बीच मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघट इलाके में 13 नवंबर को आतंकियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया और इस दौरान 5 जवान शहीद हो गए।
आपको बता दे, इस हमले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटी की भी जान चली गई। इस हमले में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में किया गया।
जब शहीद हुए राइफलमैन सुमन स्वार्गियरी की पत्नी जूरी स्वार्गियरी ने अपने उन्हे तिरंगे में लिपटा देखा तो वह बेहोश हो गईं और उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। जब उन्होंने अपने पति को नम आंखों से अंतिम विदाई दी तो वहां पर मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए।
इस अंतिम विदाई के दौरान सभी के चेहरे पर मायूसी और दुख साफ साफ नजर आ रहा था। वही उनका 3 साल का बेटा भी था। जब उस नन्हे बेटे ने और उनकी पत्नी ने उन्हें अंतिम सलामी दी तो सभी के आंखों से आंसू छलक पड़े।
उनकी पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो रखा था। वह बेसुध अवस्था में अपने पति को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंची थी। जब 3 साल के नन्हे से बेटे ने अपने पिता को तिरंगे में लिपटा हुआ देखा तो बस वह अपने पिता को देखता ही रह गया।
वहां पर मौजूद लोगों ने यह सारा दृश्य देखा तो उनकी छाती दर्द से फटने लगी हर लोगों की आंखों में आंसू थे सभी की आंखें से छलक रहा था। सैनिक को अंतिम विदाई देना उसके परिवार के लिए बहुत ही ज्यादा कठिन समय होता है।
आपको बता दें कि इस हमले में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी का अंतिम संस्कार उनके गृह नगर छत्तीसगढ़ के रायपुर में किया गया। वहीं उनके छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने उनको और अपनी भाभी अनुजा शुक्ला को मुखाग्नि दी।
आपको बता दे, इससे पहले सेना के जवानों के साथ अनय ने भी बड़े भाई को सैल्यूट किया। वहीं असम राइफल्स के जवानों ने अपने कमांडेड को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
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