हमारे देश में दिन-ब-दिन भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। रोजाना हम कोई-न-कोई मामला सुनते हैं कि आज इस सरकारी कर्मचारी ने धोखा धड़ी करके इतने रुपए की ठगी कर ली। आपको बता दे, यह रुपए हमारे देश को विकसित करने के लिए सरकारी देती है और यह इनकी धोखाधड़ी करते हैं। आज जो मामला हमारे सामने आया है वह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कैंपस में निर्माण कार्य का ठेका दिलाने के नाम पर 5 बिल्डरों से 125 करोड़ रुपए की ठगी का सामने आया है।
आपको बता दें इस धोखाधड़ी के मामले में गुरुग्राम पुलिस ने सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ के कमांडेंट प्रणीव यादव, उनकी पत्नी ममता यादव, एक्सिस बैंक के मैनेजर बहन ऋतुराज यादव और एक बिचौलिए दिनेश कुमार को पंजाब के जाकिर पुर से अपनी गिरफ्त में लिया है।
इस मामले में एसीपी क्राइम प्रतिपाल सांगवान ने बताया कि उनके पास 13.81 करोड रुपए की नगदी और चार लग्जरी कारें मिली है। इस मामले से जुड़े एक और कमांडेंट जोकि एन एस जी के तैनात सहायक कमांडेंट नवीन यादव है। वह भी फरार हैं।
आपको बता दे इन सब का मास्टरमाइंड प्रवीण यादव का साला है और अभी मानेसर में तैनात है। एसीपी ने बताया कि मास्टरमाइंड प्रवीण यादव गुरुग्राम स्थित खेड़ा खुर्ररमपुर का रहने वाला है। दिनेश हिसार का रहने वाला है। उन्होंने कहा कि 8 जनवरी को बिल्डर नारायण दास इसरानी ने मानेसर में एफआईआर दर्ज कराई थी।
कारी के मुताबिक यादव ने अपने आपको आईपीएस अफसर बताया था और एनएसजी केंपस के ठेके दिलाने के नाम पर उसने 64.49 करोड रुपए की ठगी की है। इन सब में रितुराज भी शामिल है। वह सेक्टर 81 में सफायर मॉल स्थित एक्सिस बैंक में शाखा मैनेजर है।
उनके साथ ही एनएसजी में सहायक कमांडेंट नवीन यादव भी शामिल है। 9 जनवरी को दूसरे बिल्डर देवेंद्र यादव ने 37 करोड़ रुपये ठगी की शिकायत की थी। अब तक की छानबीन की है।
इन सब से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आरोपी इस पैसे को शेयर मार्केट में लगाता था, जिसमें उन्हें घाटा हुआ है। पुलिस ने प्रवीण यादव को 6 दिन और बाकी ओरोपियों को तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
आपको बता दे, प्रवीण ने एनएसजी के पते पर यह फर्जी कंपनी बनाई थी। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी का एनएसजी से कोई लेना-देना नहीं था। उसने पत्नी ममता यादव व बहन रितुराज को निदेशक बना रखा था।
वह चार साल पहले बीएसएफ से प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में तैनात हुआ था। बाद में उसकी नियुक्ति बीएसएफ में हो गई। तब उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया। हालांकि आवेदन अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। एनएसजी में तैनाती के दौरान उसके पास कंस्ट्रक्शन डिवीजन का जिम्मा था। तभी से वह एनएसजी में कंस्ट्रक्शन के काम दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था।
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