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जाने किन जिलों से होकर निकलेगा 8 लेन का 100 मीटर चौड़ा वाराणसी-कोलकत्ता एक्सप्रेसवे

जैसा की आप सभी को पता ही है कि प्रशासन सभी शहरों व जिलों को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रही है। बड़े-बड़े शहरों से आने जाने वाले लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्हें घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। वह अपनी यात्रा से बहुत थकावट महसूस करते हैं और कुछ यात्रियों की तो तबीयत भी खराब होनी शुरू हो जाती है। उन्हें एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 23 को लेकर अहम निर्णय लिया है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और इसी के तहत भारतमाला परियोजना के चलते वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस वे की भी घोषणा की गई है। अब आप जानना चाहते होंगे कि यह एक्सप्रेसवे कहां-कहां से होकर निकलेगा तो जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े।

आपको बता दें इस एक्सप्रेस वे के बनने से वाराणसी और कोलकाता जैसे दो बड़े महानगरों के बीच आवाजाही में बहुत कम समय लगेगा। वाराणसी से कोलकाता के बीच करीब 600 मीटर लंबे नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। जो झारखंड के कई जिलों से गुजरेगा।

आपको बता दें इस एक्सप्रेस-वे को आठ लेन का बनाया जाएगा। जिससे वाराणसी से कोलकाता की दूरी सिर्फ 6 से 7 घंटे में पूरी हो जाएगी। यह नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे आठ लेन का होगा।

आपको बता दें इसके बन जाने से उत्तर प्रदेश से चंदौली होते हुए बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी। काशी कोलकाता एक नए एक्सप्रेसवे से चंदौली, भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, बोकारो, रांची, पुरुलिया का सीधा संपर्क हो जाएगा। बिहार से होकर पटना, कोलकाता और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे भी प्रस्तावित है।

आपको बता दें यूपी के चंदौली में एक्सप्रेस के लगभग 22 किलोमीटर लंबा होगा और बिहार से यह 159 किलोमीटर होगा। बता दें चंदौली से यह पीडीडीयू नगर तहसील के रेवसा से धनौरी बिहार बॉर्डर के बीच से होकर गुजरेगा। यह जिले के 31 गांव से होकर निकलेगा। इसके लिए जमीन चिन्हित करके डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया बहुत ही तेजी से चल रही है।

भारतमाला परियोजना के तहत इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 575 किलोमीटर की है और बात करें चौड़ाई की तो कम से कम 100 मीटर से भी अधिक है। इसको बनाने का उद्देश्य देश की दो, बौद्धिक और कभी आर्थिक राजधानी  रहे काशी और कोलकाता को सीधा जोड़ने किया है।

आपको बात दे,  इन दो महानगरों के बीच वाया रांची से बनने वाले एक्सप्रेस वे की रूपरेखा भी तैयार हो चुकी है और इसके लिए जमीन अधिग्रहण कार्यवाही भी बहुत तेजी से चल रही है।

Kunal Bhati

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