जैसा की आप सभी को पता ही है कि एक घर में जब सास और बहू रहती हैं तो उनमें गरमा गर्मी चलती रहती है। कई बार झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि बातें पुलिस स्टेशन तक पहुंच जाती हैं और सास बहू में से किसी ना किसी को जेल हो जाती है। घरेलू हिंसा के मामले हमने कई बार सुने होंगे। ऐसे ही 1 घरेलू हिंसा का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में आया। जिसके ऊपर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश देते हुए कहा है कि ‘झगड़ालू प्रवृत्ति की बहू को संयुक्त घर में रहने का कोई अधिकार नहीं है और संपत्ति के मालिक उसे बेदखल कर सकते हैं।’
आइए अब हम आपको बताते हैं ऐसे मामलों से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब….
प्रश्न 1– यह पूरा मामला क्या था?
उत्तर– मामला पति पत्नी के बीच झगड़े का था।
जब पति पत्नी एक साथ रहते हैं, तो उनके बीच में झगड़े होते रहते हैं। जब पति ने पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पत्नी ने भी लोगो लोअर कोर्ट में केस दर्ज किया। सास ससुर बेटे बहू के रोजाना के झगड़े से परेशान हो गए थे। जिसके बाद बेटा घर छोड़कर किराए पर रहने लगा। लेकिन बहू अपने बुजुर्ग सास ससुर के खिलाफ खड़ी रही।
वह घर छोड़कर नहीं जाना चाहती थी। लेकिन सास ससुर अपनी बहू को घर से निकालना चाहते थे। इसके लिए ससुर ने भी कोर्ट में केस दर्ज किया था।
प्रश्न 2– घर से निकाल देने के बाद बहू कहां जाएगी?
उत्तर – ससुराल वाले ही दूसरी जगह रहने का इंतजाम करेंगे।
वर्तमान मामले के अनुसार में बहू जब तक शादी के बंधन में रहेगी उसे घरेलू हिंसा के अधिनियम की धारा 19(1) (एफ) के तहत दूसरा घर दिया जाएगा। मतलब साफ है कि अगर बहू का तलाक नहीं हुआ है और सास-ससुर उसे घर से बाहर निकाल रहे हैं तो वो बहू को रहने की दूसरी व्यवस्था करेंगे। इसकी जिम्मेदारी सुसराल वालों की होगी।
प्रश्न 3– क्या सास-ससुर बहू को संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं?
उत्तर – हां, कर सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज योगेश खन्ना ने कहा कि संयुक्त परिवार के घर के मामले में संबंधित संपत्ति के मालिक बहू को संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं। एक पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि घरेलू हिंसा से पीड़ित पत्नी के सास ससुर के घर में सिर्फ रहने का कानूनी हक है, लेकिन पति के बनाए घर पर पत्नी का अधिकार होगा।
प्रश्न 4- बहू का ससुराल की संपत्ति पर कब और कैसे अधिकार होता है?
उत्तर– अलग-अलग हालात में अलग-अलग नियम हैं। इसे नीचे ग्राफिक्स के जरिए जानते हैं…
प्रश्न 5 – संपत्ति विवाद और मारपीट को लेकर बुजुर्गों के क्या अधिकार हैं?
उत्तर- अलग-अलग परिस्थितियों के लिए अलग-अलग नियम हैं। नीचे ग्राफिक्स देखिए…
प्रश्न 6-दिल्ली हाईकोर्ट का पूरा फैसला क्या था?
उत्तर – कोर्ट ने बहू की अपील को खारिज कर दिया। सास-ससुर के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा- बुजुर्ग सास-ससुर को शांति से जीने का हक है। वो अपने सुकून के लिए घर से बाहर बहू को निकाल सकते हैं। संयुक्त परिवार में संपत्ति के मालिक बहू को संपत्ति से भी बेदखल कर सकते हैं।
आपको बता दें, जब बहु ने प्रॉपर्टी में ऐसे हिस्सा मांगा, तो ससुर ने साल 2016 में लोअर कोर्ट में घर के कब्जे के लिए मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसके अनुसार वह पूरी संपत्ति के मालिक थे और उनका बेटा किसी दूसरी जगह पर रहने लगा था।
दोनों बुजुर्ग अपनी बहू के साथ रहना ही नहीं चाहते थे क्योंकि बहू रोजाना लड़ती थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 19 के तहत आवास का अधिकार संयुक्त घर में रहने का एक जरूरी अधिकार नहीं है। खासतौर पर उन मामलों में जहां एक बहू अपने बुजुर्ग सा ससुर के खिलाफ खड़ी हो।
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