दिल्ली सरकार और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीच कॉलेजों के गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर विवाद बढ़ गया है। इस विवाद के बीच उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशालय को दिल्ली यूनिवर्सिटी पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं।
मनीष सिसोदिया ने अपने आदेश में बताया है कि, दिल्ली यूनिवर्सिटी को कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी में छह सदस्यों की सूची भेजने का आग्रह कई बार किया गया है। इसमें लक्ष्मीबाई कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, केशव महाविद्यालय, आदिति कॉलेज शामिल है।
महर्षी वाल्मिकी कॉलेज आफ एजुकेशन और दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में गवर्निंग बॉडी का गठन किया जाना है।
पुरे विवाद का यह है कारण
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि इन कॉलेजों में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए ऐसा किया जा रहा है। सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस विषय में दिल्ली सरकार के कई पत्रों का कोई जवाब तक नहीं दिया है। इसीलिए दिल्ली सरकार का उच्च शिक्षा निदेशालय दिल्ली यूनिवर्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेजों में दिल्ली सरकार द्वारा आंशिक और कुछ कॉलेजों में पूर्ण फंडिंग की जाती है। उपमुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा निदेशालय को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पैनल के लिए नाम ही नहीं भेजा है। इनमें से कुछ कॉलेजों ने गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जबकि इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी का पूरा पैनल ही नहीं है। 10 अगस्त से होगी DU की ऑनलाइन परीक्षा, जो नहीं दे सकेंगे Exam उनके लिए ये विकल्प है |
भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की साजिश- मनीष सिसोदिया
IIT के प्रवेश नियमों बड़ा बदलाव- 75 फीसदी अंक अनिवार्य नहीं होंगे | दिल्ली यूनिवर्सिटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए मनीष सिसोदिया ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखा।
इसमें गवर्निंग बॉडी के पैनल का नाम बार-बार मांगने के बावजूद नहीं भेजने का कारण बताया है |
पत्र में उपमुख्यमंत्री ने लिखा है कि, दिल्ली सरकार के द्वारा आंशिक और पूरी तरह से वित्त पोषित कई कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का पुनर्गठन नहीं किया गया है और कॉलेज मार्च 2019 के बाद से अधूरी गवर्निंग बॉडी के साथ काम कर रहे हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छवि होगी प्रभावित
सिसोदिया ने यह भी लिखा है कि, मुझे बताया गया है कि को बार-बार याद दिलाने के बावजूद नामों का पूरा पैनल नहीं भेजा गया है | कुछ कॉलेजों ने पूर्व में भी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की यह साजिश की तरफ इशारा करता है।
Written by- Prashant K Sonni