नमस्कार! मैं फरीदाबाद और आज आपको शिक्षकों की परेशानियों का ब्यौरा देने के लिए हाज़िर हुआ हूँ। मैंने सुना था एक आदमी को यह कहते हुए कि सबसे आसान काम एक अध्यापक का है। बच्चों को पढ़ाना कोई बड़ी बात नहीं, हर कोई ज्ञान बाँट सकता है।
अब ऐसे में अध्यापक क्या खास कर रहे हैं ? ज्ञान तो जनता और बच्चे सोशल मीडिया से भी एकत्रित कर लेंगे। शिक्षक तो बस अब नाम के रह गए हैं। तभी तो तमाम स्कूलों ने सभी शिक्षकों की तनख्वाह आधी करदी। क्या ? आप लोग नहीं जानते इस बारे में।
चलो आज आप सबको एक और काला सच बताता हूँ। अब हमारे देश में शिक्षा के ठेकेदार पढ़ाई का धंधा करने लगे हैं। महंगी महंगी किताबें, यूनिफार्म और जिल्लत लगी कॉपियां विद्यार्थियों के माँ बाप का दम तोड़ देती हैं।
इस बार महामारी के दौर में भी प्राइवेट स्कूल प्रणाली ने बच्चों के माता पिता के सर पर चढ़कर तांडव किया। जहां सबकी नौकरी दाव पर थी वहीं दूसरी ओर सभी स्कूलों ने बच्चों से पूरी-पूरी फीस वसूली। अब कैसे वसूली इस सच से पर्दा मैं उठाता हूँ।
आज जिन शिक्षकों के सम्मान में हम अपना शीश नवा रहे हैं यह फीस उन्ही अध्यापकों को बिचौलिया बनाकर वसूली गई है। जो अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन क्लास चलाना सीख रहे हैं उन्ही से फीस की भीख मंगवाकर बड़े बड़े विद्यालयों ने अपने बैंक अकाउंट भरे हैं।
अपनी तिजोरियां भरने के बावजूद शिक्षकों को आधी तनख्वाह दी है। यह वही शिक्षक है जो सुबह उठकर पहले ऑनलाइन पाठ करवाने के लिए अभ्यास करते हैं। यह वही शिक्षक हैं जिन्हे बच्चे क्लास के दौरान तरह तरह के नामों से पुकारते हैं। नाम बदलकर गालियां देते हैं।
मैंने देखा है इनके मान और प्रतिष्ठा का खनन होते हुए। मैंने देखा है इन सभी अध्यापकों को ऑनलाइन क्लास के दौरान। यह डरते है कि अगर किसी भी छात्र ने इनको गाली दी तब यह अपने स्वाभिमान की रक्षा कैसे करेंगे।
बहुत मज़ाक उड़ाया गया है इन शिक्षकों का जिनके नाम के आज सब कसीदे पढ़ रहे हैं। समझो उस व्यक्ति को जो तुम्हे जीवन का पाठ पढ़ाता है। जिसने जीवन का सार दिया है आज वो व्यक्ति अपने फ़ोन स्क्रीन के आगे लाचार सा नज़र आता है। मेरा अनुरोध है उसे और मत तोड़िये।