नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद आपकी अपनी विकास विहीन स्मार्ट सिटी। आपने एक कहावत सुनी होगी कि कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती ऐसा ही हाल है फरीदाबाद की सड़कों का है जो फिलहाल जर्जर अवस्था में है। आज मैं बात करने वाला हूँ उस सड़क की जिसने पूरे क्षेत्र की नाक में दम किया हुआ है।
पिछले 3 महीने से हार्डवेयर प्याली रोड की दुर्दशा देख लोग परेशान हो चुके हैं और इसका ब्यौरा नगर निगम को भी दिया गया है। पर नगर निगम के महकमे से अभी तक सड़क के जीर्णोद्धार को ध्यान में रखते हुए प्रखर रूप से कदम नहीं उठाए गए हैं। नगर निगम ने सड़क की मट्टी पलीत कर रखी है।
आलम यह है कि आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सबब झेलना पड़ रहा है। चार बारिश की बूंदे गिरने के बाद आलम यह हो जाता है कि हर किसी को तैरकर अपने अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है। सड़क के टूटे होने के कारण धूल मिट्टी भी उड़ती है जिससे पर्यावरण को हानि होती है।
पर चौंकाने वाली बात यह है कि जिस सड़क पर अभी त्राहिमाम मचा हुआ है उसके नवनिर्माण के लिए 6 करोड़ रूपये की लागत का बखान किया जा रहा है। पर अभी भी सड़क जर्जर अवस्था में हैं जिसके ऊपर नगर निगम द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वैसे नगर निगम के लिए इस तरीके के मुद्दे नए नहीं हैं, निगम की हालत तो पहले से ही खराब है।
चाहे वह टूटी हुई सड़कें हों या फिर शहर में फैलने वाली गंदगी नगर निगम द्वारा कभी भी पूर्ण रूप से कार्रवाई नहीं की गई। अगर याद नहीं तो याद दिला दूँ कि मेरे क्षेत्र की इस जर्जर सड़क ने एक हस्ते खेलते परिवार की खुशियां छीन ली थी। एक युवा जिसका भविष्य उज्जवल था, एक बेटा जिसके परिवार की उम्मीदें उस से बंध गई थी इस सड़क ने उस बेटे को निगल लिया।
हैरत में डालने वाली बात तो यह है कि मौत के बाद सरकारी मुलाज़िम उस लड़के के घर जाकर मुआफ़ज़े की बात कर आए पर किसी में भी यह नहीं सोचा कि जिस सड़क ने उस बच्चे को निगला है उस सड़क को ठीक किया जाए।
ठीक करवाएंगे भी कैसे, सड़क के नवनिर्माण के लिए तो ठेकेदार की जरूरत पड़ेगी जिसका इंतजाम अब नगर निगम के बस से बाहर है। मैं तो बस उम्मीद ही कर सकता हूँ कि निगम प्रणाली को सोए सोए ही सही पर होश आजाए।