सुखमनी भवन, में आयोजित किया गया, गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव।

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फरीदाबाद, 20 जनवरी। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा (रजि.) सुखमनी भवन, सेक्टर-16 में आज दशमेश गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रभातफेरी निकाली गई।

प्रभातफेरी के साथ जत्थे ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। इस मौके पर शहर में नगर कीर्तन का आयोजन किया गया, जो गुरुद्वारे से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होता हुआ वापस गुरुद्वारा पहुंचा।

सुखमनी भवन, में आयोजित किया गया, गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव।

धर्म-संस्कृति के ध्वज वाहक गुरु गोबिंद सिंह जी अपनी राष्ट्रभक्ति, वीरता एवं त्याग के पर्याय के रूप में हम सभी के लिए जीवन पय्रंत प्रेरणीय रहेंगे।

इस अवसर पर प्रधान चरण सिंह जौहार, सचिव अवतार सिंह पसरीचा, परमजीत सिंह पावा, कुलदीप सिंह साहनी, टोनी पहलवान, जय कत्याल, तेजिंद्र सिंह चड्ढा, अनिल अरोड़ा, सुरेंद्र सांगा, परमजीत सिंह, कुलदीप सिंह, महिला प्रधान शरबजीत कौर, महेंद्र कौर सांगा, नीरू अरोड़ा, रश्मीन कौर चड्ढा, इंद्रजीत कौर, प्रीती चड्डा, डिम्पल साहनी, चरणप्रीत पावा, जसमीत कौर अनेजा तथा अनीता वर्मा आदि सेवादार मुख्य रूप से मौजूद रहे।

सुखमनी भवन, में आयोजित किया गया, गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव।

प्रधान चरण सिंह जौहार, सचिव अवतार सिंह पसरीचा, कुलदीप सिंह साहनी व टोनी पहलवान ने संयुक्त से कहा कि नगर कीर्तन देश की एकता व अखंडता के लिए निकाला गया।

गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने देश व कौम के लिए अपना पूरा परिवार वार दिया था। जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जायेगा। उनके आगमन दिवस के रूप में इस कार्यक्रम को किया गया हैं, जिसमें क्षेत्र के सभी समुदायों के लोगों ने भाग लेकर उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलने की प्रेरणा ली।

सुखमनी भवन, में आयोजित किया गया, गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव।

उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पन्थ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया गया।