अगर आप एनआईटी के कपड़ा कॉलोनी की गली नंबर 6 में रहते हैं। तो आपको वायु और ध्वनि प्रदूषण से जूझना पड़ेगा। क्योंकि पिछले 6 महीने से शिकायत करने के बाद भी ना तो नगर निगम बल्लभगढ़ इस ओर ध्यान दे रहा है और ना ही प्रदूषण विभाग।
दोनों विभागों के द्वारा एक दूसरे पर कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं ।
कपड़ा कालोनी के रहने वाले दीपक त्रिपाठी ने बताया कि उनकी गली नंबर 6 जोकि एक रिहायशी एरिया है। जिसमें लोग मकान बनाकर रहते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी इस गली में छोटे-छोटे कई कारखाने खुले हुए हैं। जो की रात रात भर चलते हैं।
जिसकी वजह से आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। दीपक त्रिपाठी ने बताया देर रात तक कारखाने चलने की वजह से जो ध्वनि प्रदूषण होता है। उससे ना तो कोई व्यक्ति सो पाता है और ना ही बच्चे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पा रहे हैं।
इसके अलावा इन कारखानों से निकलने वाला धुंआ से वायु प्रदूषण भी हो रहा हैं। उन्होंने बताया महामारी के दौरान अक्टूबर महीने में उन्होंने इसकी शिकायत नगर निगम बल्लभगढ़ को ईमेल और लिखित शिकायत दी थी। जिसके बाद उनके पास नगर निगम की ओर से जवाब आया कि यह मामला प्रदूषण विभाग बल्लभगढ़ के अंदर आता है।
इसलिए उन्होंने उनकी शिकायत को प्रदूषण विभाग बल्लभगढ़ को फॉरवर्ड कर दी है। जिसके बाद दीपक त्रिपाठी ने प्रदूषण विभाग से संपर्क किया। जहां पर उन्होंने कहा कि यह जो कारखाने कपड़ा कॉलोनी में बने हुए हैं। वह नगर निगम के अंदर आते हैं। जिसकी वजह से जो भी कार्रवाई करनी है, वह नगर निगम बल्लबगढ़ करेगा।
दीपक त्रिपाठी का कहना है कि प्रदूषण विभाग और नगर निगम विभाग दोनों एक दूसरे पर कार्यवाही ना करने के चलते फाइल को इधर से उधर घुमा रहे हैं। जिसकी वजह से वह काफी परेशान है। उन्होंने बताया इन कारखानों की वजह से उनको व उनके परिवार को कई बार धमकी बार धमकी भी मिल चुकी है।
लेकिन उसके बावजूद भी कोई भी उच्च अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। दोनों विभागों में शिकायत करने के बाद उन्होंने सीएम विंडो पर भी शिकायत की है। जिसके जवाब में दोनों विभाग ने एक दूसरे पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक कोई भी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
उन्होंने बताया इस कपड़ा कॉलोनी में कई स्कूल जाने वाले बच्चे भी रहते हैं। जिनकी आने वाले समय में परीक्षा होने वाली है। वह देर रात पढ़ाई करने की कोशिश करते हैं। लेकिन वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण की वजह से वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि कारखाने सारा दिन व हफ्ते के सातों दिन चलते हैं। जिसकी वजह से आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी होती हैं।