महामारी की मार आमजनता को ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। महामारी किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। देश में फिरसे महामारी के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। काफी जगहों पर इससे बचने के लिए कहीं पर लॉकडाउन तो कहीं पर नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। महाराष्ट्र में इसका विरोध शुरू हो गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज व भाजपा सांसद उदयन राजे भोसले हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगने सड़क पर बैठ गए।
यह विरोध लॉकडाउन न लगाया जाये इसलिए वो कर रहे हैं। पूरी दुनिया इन दिनों महामारी की चपेट में है। उनका कहना है कि वीकेंड लॉकडाउन की वजह से व्यापारी त्रस्त हैं और गरीबों को भूखे सोने की नौबत आ गई है।
व्यापार में घाटा होना व्यापारियों के लिए अब आम बात हो गई है। महामारी ने इनकी कमर तोड़ दी है। इनके इस भीख मांगों आंदोलन से 450 रुपये जमा किए और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जिलाधिकारी से मिलकर लॉकडाउन पर पुनर्विचार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में जो विशेषज्ञ मंडली बैठी है, उनमें किसी भी चीज की विशेषज्ञता नहीं है।
महामारी ने अपनी जड़ें फिरसे मजबूत कर ली हैं। हमारी लापरवाही के कारण हर दिन नए मामलों का आंकड़ा टूट रहा है। समस्या का उपाय लॉकडाउन नहीं हो सकता। त्योहारों को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों ने कर्ज लेकर माल खरीदा है। अब दुकानें नहीं खुलीं तो बैंक की किस्त कहां से भरेंगे? उन्होंने चेतावनी दी कि कल से वे ‘नो लॉकडाउन’ की घोषणा करते हैं। अगर, कहीं संघर्ष हुआ तो उसकी जिम्मेदारी ठाकरे सरकार की होगी।
महामारी के कारण लोगों को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वायरस से जीत मुमकिन है यदि हम सतर्क रहें। अगर अब सतकर्ता का परिचय नहीं दिया तो काफी देर हो जाएगी।