दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन होने का दावा करने वाले स्पुतनिक वी भी को भी अब भारत में उपलब्ध हो सकेगी। क्योंकि भारत सरकार की वैक्सीन को लेकर बने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने स्पूतनिक भी की एमरजैंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।
फरीदाबाद में भी स्पुतनिक वी का ट्रायल सेशन एनआईटी तीन नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया गया था। स्पुतनिक वी ट्रायल सेशन के नोडल ऑफिसर डॉक्टर संकल्प झा ने बताया कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जहां कोवैक्सीन का ट्रायल सेशन किया गया था। वही स्पूतनिक भी काफी ट्रांसलेशन किया गया था।
उन्होंने बताया कि जिले के करीब डेढ़ सौ लोगों को स्पुतनिक वी वैक्सीन की डोज़ लगाई गई है। इस वैक्सीन की भी दो डोज़ लगाई जाती है। भारत में अभी को वैक्सीन व कोविशिएल्ड को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए परमिशन दी गई थी। लेकिन अब स्पुतनिक वी को भी इमरजेंसी यूज़ की मंजूरी दे दी गई है। भारत दुनिया का 60 देश है जिसने स्पूतनिक वी को मंजूरी दी है।
दूसरी डोज़ 21 दिन के बाद लगेंगे
जैसे की हम सभी जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति ने कोवैक्सीन की डोज लगवाई है। तो उसको दूसरी डोस 28 दिनों के बाद लगेगी। वहीं कोविशिएल्ड की वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को दूसरी दोस्त 6 से 8 हफ्ते के बाद लगेगी।
लेकिन स्पुतनिक वी की जो दूसरी डोज़ है वह 21 दिन के बाद लगाई जाएगी। हर वैक्सीन की दूसरी डोज का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया है। जिससे कि किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई परेशानी और कन्फ्यूजिंग का सामना ना करना पड़े।
13 के लिए नहीं चाहिए कोई भी कोल्ड चैन इंफ्रास्ट्रक्चर
जैसे की हम सभी जानते हैं को वैक्सीन और कोविशिएल्ड वैक्सीन को रखने के लिए हमें कोल्ड चैन का इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए होता है। लेकिन स्पूतनिक वी वैक्सीन को रखने के लिए हमें किसी प्रकार का गोल्ड चेन इंफेक्शन नहीं चाहिए होता है। यह वैक्सीन दो से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर दूर किया जा सकता है।