प्रदेश सरकार अब सूबे की सभी कॉलोनियों को नई – नई सुविधाएं प्रदान करेगी। जो – जो सुविधाएं अभी यहां से दूर थी अब वह सब नज़दीक आएंगी। प्रदेश में गांवों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को 100 गज के प्लाट देने के नाम पर की जाने वाली खानापूर्ति अब बंद होगी। कॉलोनी में पहले बिजली-पानी, पक्की गलियों और नालियों सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी और फिर प्लाट दिए जाएंगे
किसी भी व्यक्ति के लिए खुद का घर एक सपना होता है। अब सरकार इसे सच करने की राह पर है। महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत हरियाणा में अभी तक करीब 3.75 लाख परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लाट दिए गए हैं।
लाखों परिवारों के सर पर अब छत है। सरकार लगातार गरीबों के उत्थान की ओर प्रयासरत है। योजना के तहत पहले गांवों के बाहरी हिस्सों में घर बनाने के लिए ऐसी जमीन दी जाती रही है जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं होता। कहीं तालाबों के साथ लगती जमीन तो कहीं ऐसी शामलाती जमीन गरीब परिवारों को दो दी गई जिनमें मिट्टी का भराव कराने में ही लाखों रुपये का खर्च बैठ गया।
प्लॉट मिल जाने के साथ – साथ सुविधाएं सरकार दे रही है। यह सुविधाएं हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी हैं। जिन गांवों में शामलाती भूमि उपलब्ध है, वहां पात्र परिवारों को प्लाट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की गई है। जिन गांवों में गरीबों को प्लाट देने के लिए उचित जगह नहीं है, वहां पर पंचायतों की जमीन को निजी भूमि से बदलकर या फिर भूमि अधिग्रहण कर 100-100 गज के भूखंड अलाट किए जाएंगे।
प्रदेश के लगभग सभी शहरों में इस योजना का लाभ गरीबों को मिल सकेगा। सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, झज्जर, चरखी दादरी, यमुनानगर, सफीदों, गोहाना, धारूहेड़ा, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, रतिया, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, घरोंडा, पानीपत, नरवाना एवं रोहतक में आवास बोर्ड प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब 20 हजार ईडब्ल्यूएस मकानों का निर्माण करेगा।