अरावली को बचाने के लिए कार्यरत सेव अरावली एनजीओ को आज फरीदाबाद गुरुग्राम रोड पर एक लकड़बग्घा घायल अवस्था में मिला। लकड़बग्घे की हालत बेहद ही कमजोर थी और वह वह अपने आप खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।
दरअसल, अरावली से वादियां बिल्कुल खत्म हो गई है। वादियों के खत्म होने से अरावली में रह रहे जीव जंतुओं के लिए खाने का संकट उत्पन्न हो गया है। आए दिन जंगली जानवर जंगलों को छोड़कर शहर की ओर आ जाते हैं। ऐसी ही एक घटना आज देखने को मिली जहां एक लकड़बग्घा जंगलों से बाहर निकल कर रिहायशी क्षेत्र की ओर आ गया। सेव अरावली एनजीओ के द्वारा इस लकड़बग्घे को रेस्क्यू किया गया।
सेव अरावली ट्रस्ट के सदस्य यश भड़ाना और संदीप रमेश यादव ने बताया कि सुबह जब वह अरावली के जंगलों में पेड़ों का निरीक्षण करने गए तो तब उन्होंने पाया कि फरीदाबाद गुरुग्राम रोड पर हनुमान मंदिर से थोड़ी आगे एक लकड़बग्घा घायल अवस्था में पाया। वह अपने आप उठ भी नहीं पा रहा था। यश भड़ाना और संदीप रमेश यादव ने इस विषय में गौशाला से पता किया तो पता चला कि यह लकड़बग्घा दो दिन से यही दिख रहा है। उन्होंने बताया कि आज सुबह लकड़बग्घे ने गाय के बच्चे पर भी हमला किया था जिसके बाद वह स्वयं घायल हो गया।
सेव अरावली ट्रस्ट के द्वारा वाइल्डलाइफ इंस्पेक्टर चरण सिंह से संपर्क किया गया तथा उन्हें इस विषय में जानकारी दी गई। संपर्क के बाद तुरंत ही वाइल्ड लाइफ की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और लकड़बग्घा को रेस्क्यू किया और उपचार के लिए ले गए।
गौरतलब है कि अरावली की वादियों में पेड़ पौधों की संख्या बहुत कम हो गई है। पेड़ों की संख्या कम होने से जंगली जानवरों को खाना नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से वह रिहायशी क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं। कभी-कभी इन जंगली जानवरों के साथ दुर्घटना भी हो जाती है।