महामारी के बढ़ते मामलों के बीच फरीदाबाद व गुरुग्राम में साप्ताहिक ल़ॉकड़ाउन लगाने की पेशकश की गई है जिससे उद्योगपति से लेकर आमजन तक के माथे पर चिंता की लकीरें उभर गई है।
उद्योगपति से लेकर आमजन तक यह सोचने लगे है कि पिछले वर्ष तो जैसे तैसे काम चल गया, अगर इस वर्ष लॉकड़ाउन लगता है तो स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।
दरअसल, जिले में महामारी के मामलों में बेहिसाब बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी महामारी की चैन को तोड़ पाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में लॉकड़ाउन को ही अंतिम उपचार के रुप मे देखा जा रहा है।
सरकार को दिए गए प्रस्ताव में साफतौर पर यह कहा गया है कि प्रदेश में महामारी के सबसे ज्यादा मामलें फरीदाबाद तथा गुरुग्राम से सामने आ रहे है, ऐसे में इन दो जिलों में साप्ताहिक लॉकड़ाउन लगाना बेहद अहम है। वही आज यानी शनिवार को गृहमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस विषय पर फैसला भी हो सकता है।
उद्योगों पर यह होगा असर
फरीदाबाद स्मॉल इंड्रस्टी एसोसिएशन के प्रधान जीएस त्यागी ने बताया कि अगर दोबारा लॉकडाउन लगता है तो हालात काफी बिगड़ जायेंगे। पहले ही मजदूरों के पलायन से काफी दिक्कत हो रही है। ल़ॉकड़ाउन की आंशका से पहले ही फैक्ट्रियों में मजदूरों की संख्या कम हो गई है।
मजदूरों का पलायन
2020 में लगे लॉक़ड़ाउन में जदूरों की स्थिति बेहद ही दयनीय हो गई थी वही अगर 2021 में भी ल़ॉकडाउन लगता है तो वह ह्दय विदारक मंजर फिर से देखने को मिल सकता है।
छोटे व्यापारियों पर असर
लॉक़ड़ाउन से छोटे व्यापारियों पर भी बडा असर देखने को मिलेगा। छोटे व्यापारी पहले हुए नु्कसान से ही नही उभर पाए हैं, ऐसे में दोबारा लॉकड़़ाउन परेशानी ख़़डी कर सकता है।
उत्पन्न होगा भय का माहौल
लॉक़ड़ाउन से समाज में भय का माहौल उत्पन्न होगा। लोगों को पहले की तरह ही मानसिक परेशानियों का सामना करना प़डेगा।