देशप्रेम कोई सिखा नहीं सकता वो अंदर से पैदा होता है। देश के बलिदान हुए इस महिला के पति सभी के लिए प्रेरणा छोड़ गए। दरअसल, यह कहानी उस महिला की है जिसने सेना में देश की सेवा कर रहे अपने पति को खो दिया था। अब वह महिला भी सेना का हिस्सा बनने जा रही हैं। हम बात कर रहे हैं 32 वर्षीय ज्योति नैनवाल की जिनकी शादी दीपक नैनवाल से साल 2011 में हुई थी।
ज्योति ने अपने पति के बलिदान को प्रेरणा के रूप में लिया और आज वो कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गयी हैं। उनके पति नायक दीपक नैनवाल अप्रैल 2018 में जम्मू कश्मीर के कुलगांव में घायल हुए थे और मई 2018 में शहीद हो गए थे। अब ज्योति नैनवाल जल्द ही चेन्नई में ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में अपना प्रशिक्षण शुरू करेगी।
2 छोटे बच्चों को रिश्तेदारों को छोड़ कर उन्होंने देशप्रेम को जिस तरह चुना वो काफी प्रेरणादायक है। उनके पति की इच्छा थी कि वो सेना में अधिकारी बनें। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। पति के शहीद होने के बाद ज्योती ने सीमा सुरक्षा बल का फॉर्म भरा था। इसके बाद उन्होंने परीक्षा दी और उनका सेलेक्शन हो गया है। अब वो ट्रेनिंग के लिए चेन्नई जा रही हैं।
ज्योति के गांव की महिलाएं उन्हें आपने प्रेरणास्त्रोत मान रही हैं। हर जगह ज्योति की बातें हो रही हैं। शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति के दो बच्चे हैं। बच्चों की उम्र आठ और पांच साल है। ज्योति ने चौथे प्रयास में सबसे कठिन शारीरिक और मनौवैज्ञानिक परीक्षाओं में से एक एसएसबी पास कर अपने ससुरालवालों की परंपरा को जारी रखा, जो तीन पीढ़ियों से सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
छोटे बच्चे जब बड़े होंगे उन्हें भी अपनी माँ से प्रेरणा मिलेगी और उनपर गर्व करेंगे। ज्योति ने कहा है कि भारतीय सेना ने मेरा समर्थन किया है। जब मेरे पति आतं-की हम-ले में घायल हुए थे तो अपने पति की 40 दिनों तक अस्पताल में देखभाल की थी।