काम छूटने के बाद इस आइसोलेशन ने दिया सहारा, तभी यह व्यक्ति कर पा रहा है अपने परिवार का पालन पौषण

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कहते हैं बुरे वक्त में कोई भी अपना ही साथ होता है।दोस्त खड़े होते हैं दोस्त की जरूरत हमें होती है। इस महामारी के समय में जहां कई लोगों के काम ,धंधे बंद हो गए हैं।

वहीं कई लोगों को लिए तो दो समय की रोटी खाना भी बहुत मुश्किल हो गया है। लोग इस महामारी के समय में बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना कर रहे हैं।

काम छूटने के बाद इस आइसोलेशन ने दिया सहारा, तभी यह व्यक्ति कर पा रहा है अपने परिवार का पालन पौषण

पिछले साल भी लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की नौकरियां गई थी। जिनके अपने काम थे वह भी बंद हो हो गए थे। उनमें से भी एक है राजू भाटिया। जिनका काम वैन चलाना था। जो पिछले लॉकडाउन में बंद हो गया। वह पहले वैन चलाते थे और अपने परिवार का पालन पौषण करते थे।

एकदम से यह महामारी का आ जाना और उनका काम बंद हो जाना से घर पर बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एकदम से सब उनके हाथों से जा चुका था। फिर उन्होंने राकेश भाटिया जो बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान उनसे इस बारे में जिक्र किया।

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उन्होंने मदद मांग तब राकेश ने उन्हें बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन के साथ जोड़ा और उन्हें रसोई का काम दिया। वह इस एसोसिएशन के प्रधान राकेश, रेनू, संजीव ,सुशील, दिनेश, संजय ने उनके इस काम को शुरू करने में काफी मदद की है।

काम छूटने के बाद इस आइसोलेशन ने दिया सहारा, तभी यह व्यक्ति कर पा रहा है अपने परिवार का पालन पौषण

यह सब भी उनके साथ इस एसोसिएशन में जुड़े हुए हैं। राजू भाटिया को उस महामारी के समय में मदद की। इस समय वह लगभग 50 महामारी से पीड़ित मरीजों को रोजाना खाना पहुंचा रहे हैं। वह इस चीज का भी ध्यान रख रहे हैं कि खाना बहुत साफ बने,हेल्थी बने। जिससे मरीज जल्द से जल्द ठीक हो सके।

उनके खाने से मरीज बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं और उन्हें खुद फोन कर कर बोलते हैं कि आप हमारे लिए क्या यह खाना बना सकते हो क्या। खाना देने की बाद लाखों दुआएं उनको मिलती है। इसके अलावा पिछले 1 साल से करीब 30 बुजुर्गों को भी खाना दे रहे हैं। जिनके परिजन दूर देश विदेश में रह रहे हैं। लेकिन उनकी सेवा करने के लिए उनके पास समय नहीं है।

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खाना साफ सब्जियों से बनाया जाता है और पैकिंग भी अच्छी तरह करी जाती है। साफ हाथों से पैकिंग करने के बाद पूरा खाना सनेटाइज करते है। राजू अपने आप को सनाटाइज करते हैं। उनका खाना बहुत ही स्वादिष्ट होता है वह मरीज के हिसाब से ही उसमें मसाले डालते हैं और दुआ करते हैं कि जल्द से जल्द मरीज ठीक हो जाए।

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अगर हमारे देश में ऐसे ही और लोग बढ़-चढ़कर इस महामारी के समय में लोगों की मदद करेंगे। तो लाखों दुआएं मिलेगी। राजू ने यह दिखाया है कि उनका परिवार एक है और वह मिल जुलकर इस महामारी के समय में लाखों लोगों की मदद कर रहे हैं ऐसे परिवार को हमारा सलाम है।

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उन्होंने बताया कि मैं खाने के साथ-साथ समय-समय पर बुजुर्गों व महामारी से ग्रस्त होम आइसोलेशन वाले मरीजों को फल भी वितरित करते हैं। इसके अलावा बन्नुवाल वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा बुजुर्गों को मरीजों को समय समय पर दवाई व अन्य जरूरी सामान भी मुहैया कराया जाता है।

उन्होंने कहा कि अगर एसोसिएशन के द्वारा उनको सपोर्ट नहीं मिलता तो वह अपने परिवार का अच्छे तरीके से पालन पोषण नहीं कर पाते और उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता।