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अंतिम संस्कार से पहले पॉलिथीन पैकिंग खोलना और लिपट कर रोना पड़ा भारी, हुआ ये अंजाम

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श्रीगंगानगर : वायरस और इस से फैलने वाला संक्रमण कितना भयभीत हो सकता है इसका तो अंदाजा आए दिन श्मशान घाट में जलने वालें शवों से निकलने वाले धुएं से काले हुए आसमान को देखकर लगाया जा सकता है।

ऐसे में जहां इस संक्रमण के फैलने और इस संक्रमण की चपेट में आने से मृत्यु होने पर इसका अंतिम संस्कार निगम प्रशासन द्वारा कराए जाने का प्रावधान रखा गया था। मगर अब कुछ परिजनों द्वारा शपथ पत्र अस्पतालों में जमा करा कर शव का अंतिम संस्कार स्वयं करने की मांग कर रहे थे।

अंतिम संस्कार से पहले पॉलिथीन पैकिंग खोलना और लिपट कर रोना पड़ा भारी, हुआ ये अंजाम

मगर ऐसे ही एक मांग करना उस परिवार के लिए भारी पड़ गया, जहां अंतिम संस्कार से पहले पैकिंग खोलकर शव से लिपट कर रोना दो महिलाओं के लिए इतना भारी पड़ा कि उनकी भी संक्रमण से मौत हो गई।

यह पूरा मामला श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ उपखंड के निरवाणा में सामने आया है। दरअसल, यहां सूरतगढ़ में एक महिला ने संक्रमण की चपेट में आकार जान गवां दी थी। वहीं महिला की मृत्यु के बाद परिजन द्वारा अस्पताल में शपथपत्र देकर शव काे श्मशान की जगह घर लें जाने का भयंकर परिणाम सामने आए।

अंतिम संस्कार से पहले पॉलिथीन पैकिंग खोलना और लिपट कर रोना पड़ा भारी, हुआ ये अंजाम

यहां परिवार की महिलाएं आखिरी बार उसका चेहरा देखने की जिद करने लगीं। इस पर परिजनों ने पॉलिथीन पैक हटा दिया तो महिलाएं शव से लिपटकर विलाप करने लगीं। कुछ दिन बाद इनमें से दो महिलाएं संक्रमित हुई और उनकी भी मौत हो गई।

अंतिम संस्कार से पहले पॉलिथीन पैकिंग खोलना और लिपट कर रोना पड़ा भारी, हुआ ये अंजाम


निरवाणा में महिला की मौत के बाद घर में ही दो अन्य की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। अब ग्रामीण पंचायतों में गठित कोर कमेटी और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।

महामारी की शुरुआत के दौर में प्रशासनिक अधिकारी की देखरेख में कोरोना पॉजिटिव का अंतिम संस्कार होता था। कोविड पॉजिटिव की मौत पर परिजनों को दूरी पर रखा जाता। जिला अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी, तहसीलदार आदि मौके पर मौजूद रहते थे।

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