मॉनसून के वक्त यह गड्ढा कैसे बनता है मौत का कुआं

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फरीदाबाद : बरसात का इंतजार सभी को रहता है लेकिन फरीदाबाद के निवासी इस बार आने वाली बरसात से बचने के लिए उपाय ना होने के कारण बरसात से डर रहे हैं हमेशा इसलिए कहा जा रहा है कि मॉनसून आते ही लोगों की समस्याएं 10 गुना बढ़ जाते हैं उन्हीं में से एक समस्या आज मैं आपको बताने जा रहा हूं हमारे इस लेख में आप जानेंगे कि किस प्रकार एक गड्ढा लोगों के लिए मौत का कुआं बन जाता है।

मॉनसून के वक्त यह गड्ढा कैसे बनता है मौत का कुआं

अजरोंदा स्थित होंडा शोरूम के बाहर पिछले कई सालों से 4 फीट गहरा गड्ढा खुदा हुआ है । जो सीवर की लाइन से जुड़ा हुआ है। जिस वजह से इस गड्ढे से हर वक्त बेहद बदबूदार गंध निकलती है । बदबू के कारण यहां से निकलने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है सड़क की हालत क्या कम खराब थी जो कि इस गड्ढे ने लोगों की परेशानियां और भी बढ़ा दी पिछले कई सालों से यह गड्ढा अपनी जगह पर बना हुआ है।

मॉनसून के वक्त यह गड्ढा कैसे बनता है मौत का कुआं

सरकार बदलती गई अधिकारियों के तबादले होते हैं लेकिन यह गड्ढा अपनी जगह से बिल्कुल नहीं मिला और जमीन की गहराई में बढ़ता ही है अब इसी जगह एक और नया गड्ढा बन रहा है जिस पर यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया तो यह गड्ढा भी मौत के कुएं के सामान बन सकता है जिसकी वजह से काफी लोगों को चोट पहुंच सकती कई बार देखा गया है कि पुलिस प्रशासन द्वारा इस जगह खड़े होकर चालान तो भर भर कर काटे जाते हैं लेकिन गड्ढे की ओर किसी का ध्यान नहीं चाहता या फिर शायद इस परेशानी को देख कर भी अनदेखा कर दिया जाता है।

अनचाहे गड्ढे के सामने बने हौंडा शोरूम में काम करने वाले एक व्यक्ति से बातचीत की तो उन्होंने बताया की शोरूम की तरफ से भी सरकार को कई बार शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन किसी भी अधिकारी को इस समस्या से शायद कोई लेना देना नहीं है इसलिए सैकड़ों बार परेशानी साझा करने के बावजूद भी यह गड्ढा ठीक नहीं होता।

मॉनसून के वक्त यह गड्ढा कैसे बनता है मौत का कुआं

अब यहां सवाल संबंधित अधिकारियों से होता है जिसकी वजह से यह परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही लगातार समस्या का हल निकालने के लिए लोग तो कभी इस दफ्तर तो कभी उस दफ्तर जाते हैं लेकिन सवाल उठता है उन अधिकारियों से जिन्हें लोगों की बिल्कुल भी चिंता नहीं यदि इस गड्ढे की वजह से किसी निर्दोष का नुकसान हुआ तो इसका खामियाजा आखिर कौन भुक्तेगा |