महामारी के कहर ने हर तरफ अपना प्रकोप दिखाया है। कोई भी इससे अछूता नहीं है। देश में महामारी के आने के बाद तरह-तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही हैं। इनमें महामारी से लेकर वैक्सीन तक को लेकर देश में अलग-अलग की कई अफवाहें रोज चलती रही हैं और सरकार को हर बार इन अफवाहों के खिलाफ जांच कर इसकी सच्चाई लोगों के सामने रखनी पड़ती है।
अफवाहों में आकर लोग इसपर यकीन करने लगते हैं। यह यकीन बड़ी समस्या पैदा कर देता है। कुछ दिनों से एक व्हाट्सऐप मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार हर किसी को ‘महामारी केयर फंड योजना’ के तहत 4000 रुपए की सहायता राशि प्रदान कर रही है।
इन मैसेज पर भरोसा कर के लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। इन मैसेज में सच्चाई बिल्कुल नहीं है। देश में इस वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के मामले में एक तरफ देश का सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है तो दूसरी तरफ इस तरह की अफवाहें। पीआईबी के अधिकारिक फैक्ट चेक ट्विट हैंडल ने इस दावे को गलत बताते हुए सिरे से खारिज किया है।
एक #WhatsApp मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार 'कोरोना केयर फंड योजना' के तहत सभी को ₹4000 की सहायता राशि प्रदान कर रही है।#PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। pic.twitter.com/SSLK6x66He
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 2, 2021
ऐसी अफवाहों से लोगों के दिल में आस जग जाती है। जब यह सच नहीं निकलती तो तकलीफ होती है। पीआईबी ने लिखा है कि, सोशल मीडिया संदेश में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ‘महामारी केयर फंड योजना’ के तहत सभी को 4,000 की सहायता राशि प्रदान कर रही है, जो पूरी तरह से गलत और फर्जी है। भारत सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।
महामारी ने सभी की आर्थिक स्थिति को कमज़ोर किया है। ऐसे में इस प्रकार के मैसेज उनको राहत ज़रूर देते हैं लेकिन यह फर्जी निकलते हैं। अफवाहों में आकर खुद को रोमांचित न करें।