भले ही अब संक्रमण से होने वाले खतरे का डर फिलहाल कम होता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले समय में संकरण के तीसरे वैभव तबाही का मंजर पैदा कर सकती है इसलिए पहले ही इसकी तैयारी करते हुए और इससे होने वाली भयावह स्थिति को भागते हुए हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी डीसी, एसपी और सीएमओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि टेस्टिंग बढ़ाई जाए, साथ ही होटल, रेस्तरां, मॉल और शादियों में भीड़ जमा न होने दें।
वही इसके अलावा पांच स्तरीय रणनीति यानी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दे रही है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी जिलों को टीकाकरण की गति तेज करनी चाहिए।
विस्तार से जानकारी देते हुए एसीएस राजीव अरोड़ा ने बताया कि राज्य में वयस्क, बाल चिकित्सा और नवजात सहित 659 वेंटिलेटर, 808 आईसीयू बेड, 681 एनआईसीयू बेड उपलब्ध हैं। जिलों में प्रेशर स्विंग एर्क्जोशन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि फिलहाल तो वैसे लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, हिसार, जींद और रेवाड़ी में मौजूद हैं। इसके अलावा, वर्ष 2020-21 में सभी जिला अस्पतालों में गैस मैनिफोल्ड और मेडिकल ऑक्सीजन पाइपलाइन स्थापित की गई थी। गैस मैनिफोल्ड एवं ऑक्सीजन पाइपलाइनों की सुविधा को सीएचसी स्तर तक बढ़ाया जा रहा है।
कोविड बाल चिकित्सा मामलों के संबंध की तैयारियों पर एसीएस अरोड़ा ने बताया कि अनुमान है कि अधिकांश बच्चे 70-80 प्रतिशत एसिमटोमैटिक होंगे और उन्हें घर में आइसोलेशन की आवश्यकता होगी। 15 प्रतिशत माइल्ड, 5 प्रतिशत मॉडरेट और गंभीर मामले होंगे, जिन्हें कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन सहायता और आईसीयू देखभाल की जरूरत होगी।
दवाएं और चिकित्सा उपकरण जैसे इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी, इंजेक्शन रेमेडिसविर, इंजेक्शन टोसीलिज़ुमैब, पीपीई किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, हैंड सैनिटाइज़र, आरटीपीसीआर परीक्षण किट पैरासिटामोल टैबलेट और ऑक्सीजन कन्संट्रेटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
गौरतलब, इस बात से पूरा देश परिचित है कि किस तरह संक्रमण ने पहली और दूसरी वेब के दौरान अपने पांव पसार कर लोग अपनी आवोहवा का शिकार बनाकर आमजन को मौत के मुंह में धकेल दिया था। यही कारण है कि लोग अभी भी संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर जैसे उपायों को अपनाते हुए दिखाई देते हैं।
मगर इसके तीसरी वेब के दौरान यह बच्चों पर भी हावी हो सकता है। जिसके बारे में वैज्ञानिक और डबल्यू एच ओ पहले ही चेता चुकी है। यही कारण है कि जगह-जगह इसकी तीसरी वेब के दस्तक से पहले ही सरकार अपनी कमर कस रही है ताकि संक्रमण का सामना डट कर किया जा सके।