फरीदाबाद: प्लाज्मा थैरपी कोविड-19 के मरीजों को स्वस्थ करने में काफी कारगर साबित हो रही है। जिसके तहत अब तय किया गया है कि हरियाणा के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब प्लाज्मा थैरपी से इलाज होगा।
हर इंसान के शरीर में रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लाज्मा होता है। कोरोनावायरस से रिकवर हुए मरीजों की बॉडी से प्लाज्मा निकाला जाता है। उसके बाद यह प्लाज्मा कोरोना संक्रमित पेशेंट को चढ़ाया जाता है। इस थेरेपी से अभी तक कई पेशेंट को ठीक किया जा चुका है।
क्या होती है प्लाज्मा थैरपी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार माना जाता है कि कोरोना संक्रमित होने के दौरान ठीक हुए मरीज के शरीर का प्लाज्मा एंटीबॉडीज बना लेता है । यह एंटीबॉडीज बहुत ही खास होते हैं। यह प्लाज्मा जिस मरीज को चढ़ाया जाता है उन्मे भी यही एंटीबॉडीज कोरोनावायरस से लड़ने का काम करते हैं।
सिर्फ प्लाज्मा थैरपी ही क्यों चुनी गई
आपको बता दें कि इससे पहले भी प्लाजमा थेरेपी का इस्तेमाल हरियाणा के कुछ जिलों में किया जा चुका है। इससे डॉक्टर्स को पॉजिटिव रिजल्ट मिले। प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किया जाएगा।
प्लाज्मा थैरपी
सूत्रों के अनुसार प्लाजमा थेरेपी एक गंभीर कोरोना पेशेंट को 4-5 दिनों में स्वस्थ कर सकती है। इसलिए कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इस थैरेपी को चुना गया है। इस पर हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया।
रैपिड एंटीजन टेस्ट से हो रही है जांच
कोरोनावायरस के बढ़ते केस के कारण गुरुग्राम और फरीदाबाद में रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक से 15 से 30 मिनट के अंदर रिजल्ट मिल रहे हैं। इस तकनीक से पहले गुड़गांव में टेस्टिंग शुरू की गई थी और अब अब सोमवार को फरीदाबाद में शुरू की गई है।
Written by- Vikas Singh