खनन माफिया पर लगाम लगाने में फेल हुए जिम्मेदार, मामला पहुंचा कोर्ट

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 खनन माफिया पर लगाम लगाने में फेल हुए जिम्मेदार, मामला पहुंचा कोर्ट

Faridabad: ग्रेटर फरीदाबाद में बढ़ते खनन माफियाओं का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। इन माफियाओं के आगे पुलिस टास्क  फोर्स भी लाचार है। क्योंकि खनन माफिया रात के समय सेक्टरों में मिट्टी की चोरी धड़ल्ले से की जा रही है। जिसके कारण पुलिस भी इन माफियाओं पर लगाम नहीं लगा पा रही।

मिट्टी खनन माफिया सेक्टर में इतने सक्रिय हो गए है कि  सबसे ज्यादा समस्या 75, 77, 78 और 80 से मिट्टी की चोरी कर रहे है। ये सेक्टर गांवों के नजदीक हैं। सूत्रों का कहना है कि आस-पास गांवों के युवा खनन में संलिप्त हैं। वे ट्रैक्टर-ट्राली और डंपरों से खनन कर रहे हैं।

वहीं, सेक्टर वासियों का आरोप है कि मिट्टी खोदाई के लिए अर्थमूवर मशीन का प्रयोग किया जाता है। रात में खनन विभाग की टीम कार्रवाई से डरती है। वहीं स्थानीय पुलिस के साथ यह लोग मिलीभगत कर लेते हैं। करीब 15 दिन पहले सेक्टर-83 में खनन माफिया ने खोदाई करते वक्त फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की पानी की पाइपलाइन को तोड़ दिया था। इससे हेरिटेज सोसायटी में 15 दिन से पानी की आपूर्ति बाधित है। एफएमडीए के अधिकारियों की शिकायत पर खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

इन सेक्टरों से खोदी गई मिट्टी बिल्डरों को बेची जा रही है। साफ मिट्टी की एक ट्राली की कीमत पांच हजार रुपये तक है। वहीं डंपर की कीमत सात हजार रुपये तक है। ग्रेटर फरीदाबाद में बड़े स्तर पर निर्माण हो रहा है। भवन निर्माण में कई बार भरत की जरूरत के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है, साथ ही ईंट भट्टों पर मिट्टी की आपूर्ति होती है।

अब तक अवैध रूप से मिट्टी खनन किए जाने के मामले में सेक्टर-77, 78 के 100 से ज्यादा प्लाटधारक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इन लोगों ने एचएसवीपी के प्लाट खरीदे थे। कुछ समय बाद जब उन्होंने आकर देखा तो उनके प्लाटों में कई मीटर तक मिट्टी खोदी जा चुकी थी।

अब प्लाट बनाने के लिए उन्हें प्लाट समतल करना होगा। भराव के लिए उन्हें लाखों रुपये खर्च करने होंगे। उन्होंने एचएसवीपी से इस बारे में शिकायत की तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अपने प्लाट की देखरेख की जिम्मेदारी प्लाटधारक की है।

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