स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम ने शहर की मौजूदा कार्य प्रणाली के मुँह पर जोरदार तमाचा मारा है। सर्वेक्षण के परिणाम स्वरुप फरीदाबाद का नाम भारत के शीर्ष 10 गंदे शहरों में शुमार है। शहर में साफ सफाई की बात की जाए तो हालात ज्यादा बेहतर नहीं है।
चारों ओर गंदगी ने पैर पसार रखे हैं। जगह जगह कूड़े के अम्बार लगे हुए हैं जिसकी कोई देख रेख नहीं की जा रही है। आपको बता दें कि भाजपा सरकार ने शहर में बड़ रही गंदगी को ध्यान में रखते हुए सफाई मशीनों को बाहर देश से खरीदा था।
इन में से कई मशीनों को इटली से मंगवाया गया था। बात की जाए इन उपकरणों पर हुई लागत की तो एक मशीन की कीमत करीब 2 करोड़ रूपये है। शहर में मौजूदा समय पर तकरीबन 3 ऐसी मशीनें हैं जिनके उपयोग से गन्दगी को साफ़ किया जा सकता है।
यह ट्रकनुमा मशीनें सफाई के लिए कारगर हो सकती थी परन्तु मौजूदा दौर में इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने जब इन मशीनों को लाने का फैसला किया था तब उसके पीछे का अहम कारण था शहर में बढ़ती गंदगी।
मशीन आने के बावजूद फरीदाबाद में जगह जगह पर गंदगी के अम्बार को देखा जा सकता है। आपको बता दें कि मशीनों की खरीद का एक अहम कारण था कर्मचारियों की मदद। बात की जाए मौजूदा स्थिति की तो अभी सफाई कर्मचारी अपने आप कूड़े के ढेर को साफ कर रहे हैं।
जब मशीनों का उपयोग कर सफाई की जाती है तब भी कूड़े का ढेर सड़क किनारे इकठ्ठा हो जाता है जिससे गंदगी बड़ जाती है। सवाल है प्रशासन के आगे कि बेहतर उपकरणों की मौजूदगी के बाद भी शहर को कैसे साफ़ रखा जाएगा ?