प्रदुषण से बचाव के लिए सरकार ने डीज़ल जनरेटर चलने पर पावंदी लगायी है। परन्तु अब भी कुछ लोग ऐसे है जो सरकार के आदेश की अवेलना कर रहे है, और सोसाइटी में जनरेटर चला रहे है। सेक्टर 88 RPS में जनरेटर चलाया जा रहा है।सेक्टर 88 के लोग डोडमेस्टिक बिजली कनेक्शन का उपयोग नहीं कर रहे है ,और नगर निगम का भी इस और कोई ध्यान नहीं जा रहा है।
सेक्टर 88 RPS के प्रधान ए .डी साहू का कहना है की सोसाइटी में करीब 200 परिवार रहते है 2013 से यह सोसिटी बसी हुई है। प्रधान का कहना है कई साल से डोमेस्टिक कनेक्शन की मांग करते आ रहे है। परन्तु नगर निगम के द्वारा कोई मदत नहीं मिल रही है। इस्सलिये मजबूरन उन्हें जनरेटर का प्रयोग करना पढ़ रहा है।
आपको बता दे की डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल होटलों, रेस्तरां-ढाबों में कोयला व लकड़ी जलाने पर रोक लगा दी गयी है । इसके चार चरणों में वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रावधान हैं। । ग्रेप के क्रियान्वयन की तैयारी को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल की ओर से चारों राज्यों के मुख्य सचिव को लिखित में भी दिशानिर्देश दिए गए।
एनसीआर के शहरी क्षेत्रों में पहली बार डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध लगाया गया है । इन शहरों में गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम शामिल हैं। राज्य सरकार पर्याप्त बिजली मुहैया कराएगी, ताकि लोगों को जेनरेटर की जरूरत न पड़े। आवश्यक सेवाओं के अलावा डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक रहेगी।
एनसीआर में जिगजैग तकनीक वाले ईंट भट्ठे ही चलाए जा रहे है। हॉट मि¨क्सग और स्टोन क्रशर प्लांट पर धूल बैठाने वाले उपाय भी किए जा रहे है । इस बार पानी के छिड़काव के अलावा यांत्रिक विधि से सफाई जैसे उपाय भी किया जा रहा है ।