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2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

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मेट्रो से सफर आसान और सुलभ हो जाता है इस बात में कोई दो राय नहीं है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत मेट्रो को बल्लभगढ़ आए हुए आज 2 वर्ष पूरे हो गए हैं। 19 अगस्त 2018 में एस्कॉर्ट मुजेसर से बल्लभगढ़ तक मेट्रो की एक्सटेंशन की गई थी। स्थानीय लोगों के लिए यह काफी खुशी की बात रही थी और आज भी लोगों का सफर मेट्रो से काफी सुगम हुआ है।

2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

मेट्रो के बल्लभगढ़ आने से लोगों के लिए दिल्ली तक की दूरी कम हो गई है। सिर्फ इतना ही नहीं महिलाओं को दिल्ली तक सुरक्षित सफर करने के लिए एक बेहतरीन सुविधा मिली है। मेट्रो शेत्र के लिए एक वरदान के रूप में साबित हो रही है। आने वाली सर्दी के मौसम में यात्रियों को शीत लहर से भी काफी राहत मिलेगी।

2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

बता दें कि मुजेसर एस्कॉर्ट स्टेशन से आगे बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन तक 19 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानेसर के केएमपी का उद्घाटन करते समय किया था। केएमपी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन जो राजा नाहर सिंह के नाम से भी जाना जाता है।

2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

उसका उद्घाटन करने आए थे मुजेसर से बल्लभगढ़ तक करीब 3 किलोमीटर की दूरी है और यहां पर दो मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं। एक स्टेशन का नाम संत सूरदास सीही है और दूसरे का नाम बल्लभगढ़ और बलिदानी राजा नाहर सिंह के नाम पर रखा गया है।

2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

मेट्रो की सुविधा ने स्थानीय लोगों की जीवन में काफी परिवर्तन किया है दिल्ली तक का सफर जो पहले दुर्गम लगता था वह अब कई मायनों में बहुत ही सरल हो गया है। इतना ही नहीं, कोरोना से बचाव के दौरान यहां से दिल्ली जाने वाले लोगों के लिए एक सुविधा यह भी है कि मेट्रो में पूरी साफ सफाई, सामाजिक दूरी और गाइडलाइंस का पालन सही तरीके से हो रहा है।

2 साल पहले एस्कॉर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ पहुंची मेट्रो, स्थानीय लोगों की जिंदगी बदली

लोगों का कहना है कि बसों में अक्सर महिलाओं के गले से सोने की चेन व अन्य आभूषण की झपट मारी हो जाती थी पर अब मेट्रो में महिलाएं खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं और ऐसी घटनाओं से छुटकारा मिला है। इसका फायदा विद्यार्थियों ने भी भरपूर तरीके से उठाया है। दिल्ली के कॉलेजों में पढ़ने जाने वाले विद्यार्थियों के लिए मेट्रो एक वरदान के रूप में साबित हुई है। विद्यार्थी आसानी से मेट्रो में सफर कर दिल्ली के कॉलेजों में पहुंचकर शिक्षा अर्जित कर सकते हैं।

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